मिसकैरेज बेहद पेनफुल होता है। यह न केवल शारीरिक रूप से, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी एक स्त्री और उसके परिवार के लिए तकलीफदेह हो सकता है। इसके बावजूद आज भी कुछ लोग मिसकैरेज का दोष महिलाओं के ओवरबर्डन और लापरवाही को मानते है। जबकि मिसकैरेज एक ऐसी स्थिति है, जिसके लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। इसमें मेडिकल हिस्ट्री से लेकर एनवायरमेंट इफेक्ट भी शामिल हो सकते हैं। प्रेगनेंसी हेल्दी हो और किसी भी कारण से गर्भपात से बचा जा सके, इसके लिए जरूरी है इसके बारे में सही फैक्ट्स को जानना।
सीके बिरला हॉस्पिटल गुरुग्राम की ऑब्सटेट्रिक्स और गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर अस्था दयाल ने मिसकैरेज से जुड़े कुछ मिथ और इसके फैक्ट्स के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें बताईं हैं।
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जानें मिसकैरेज से जुड़े कुछ मिथ और उनकी सच्चाई
- मिसकैरेज के लिए हमेशा महिलाओं की लापरवाही जिम्मेदार होती है।
फैक्ट: मिसकैरेज का मतलब भले ही मिस कैरी होता है, इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि यदि किसी महिला को मिसकैरेज होता है, तो इसके पीछे उनकी लापरवाही जिम्मेदार है। मिसकैरेज अक्सर फीटस में क्रोमोजोमल एबनॉर्मेलिटी की वजह से होता है। यह एबनॉर्मेलिटी फीमेल एग ओर मेल स्पर्म या फिर दोनों की वजह से उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा मिसकैरेज की वजह अनकंट्रोल्ड डायबिटीज, थाइरॉएड डिसऑर्डर और इंफेक्शन हो सकते हैं। - मिसकैरेज महिलाओं में इनफर्टिलिटी का कारण बनता है
फैक्ट: मिसकैरेज के बाद इनफर्टिलिटी का खतरा बढ़ जाता है और महिलाएं कंसीव नहीं कर पाती, यह धारणा बहुत पुरानी है। जबकि डॉक्टर इसे पूरी तरह से गलत बताती हैं। मिसकैरेज के बाद कोई महिला अपने स्वास्थ्य की देखभाल के साथ आसानी से दोबारा प्रेगनेंट हो सकती है। यदि आपके दो या दो से अधिक मिसकैरेज हुए हैं, तो ऐसे में प्रेगनेंसी में आपको एक्सपर्ट केयर की आवश्यकता होती है। वहीं कंसीव करने से पहले आपको पूरी तरह से खुद को डायग्नोज करवा लेना चाहिए। - प्रेगनेंसी में सेक्स करने या वर्कआउट करने से मिसकैरेज हो सकता है
फैक्ट: बहुत सी महिलाएं इस डर से प्रेगनेंसी में एक्सरसाइज और सेक्स करते हुए डरती हैं। जबकि एक्सरसाइज, योग, स्ट्रेचिंग यहां तक की सेक्स भी एक हेल्दी प्रेगनेंसी के लिए जरूरी है। यदि आपको फिर भी इन एक्टिविटीज में भाग लेने से डर लग रहा हो, तो अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह ले सकती हैं। एक प्रेगनेंट लेडी तब तक इन गतिविधियों में भाग ले सकती हैं, जब तक की हेल्थ केयर प्रोवाइडर या डॉक्टर ने प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशंस को देखते हुए इन चीजों में पार्टिसिपेट करने से मना न किया हो। - स्ट्रेस मिसकैरेज का कारण बनता है
फैक्ट : स्ट्रेस कभी भी अकेला मिसकैरेज का कारण नहीं बन सकता। हां, यह सच है कि अधिक स्ट्रेस प्रेगनेंसी के दौरान आपको नुकसान पहुंचा सकता है, परंतु यह मिसकैरेज का डायरेक्ट रीज़न नहीं हो सकता। अत्यधिक स्ट्रेस जैसे कि डिप्रैशन और एंग्जाइटी की स्थिति में प्रीटर्म बर्थ का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही इस स्थिति में लो वेट बेबी बोर्न का खतरा भी बना रहता है। परंतु यदि आपको कभी कभार किसी वजह से स्ट्रेस हो रहा है, या आप ओवरथिंक कर रही हैं, जो प्रेगनेंसी के बेहद आम संकेत है। ऐसे लक्षण मिसकैरेज का कारण नहीं बनते। - प्रेगनेंसी में वेजाइनल ब्लीडिंग और क्रैंप होते हैं मिसकैरेज के लक्षण
फैक्ट : प्रेगनेंसी में वेजाइनल ब्लीडिंग और पेट में दर्द होना, मिसकैरेज के दो सबसे सामान्य लक्षण हैं। प्रेगनेंसी के दौरान शरीर तमाम बदलावों से गुजर रहा होता है, जिसकी वजह से भी कभी-कभार वेजाइनल ब्लीडिंग और पेट के दर्द का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, आपको इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, परंतु फिर भी यदि ऐसी कोई लक्षण नजर आ रहे हैं तो इसे मिसकैरेज समझ कर पैनिक न करें। अपने डॉक्टर से मिलें और इस बारे में सलाह लें।
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एक्सपर्ट के सुझाये ये खास टिप्स
- हर कोई जानता है कि गर्भवती होने पर आपको धूम्रपान बिल्कुल नहीं करना चाहिए, लेकिन अधिकांश लोग पैसिव स्मोकिंग के बारे में भूल जाते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान दोनों से बचाना बेहद महत्वपूर्ण है।
- नियमित रूप से व्यायाम करें और संतुलित भोजन लें, ताकि आपको और बच्चे को सही और पर्याप्त पोषण मिले।
- यदि आप एक हेल्दी प्रेगनेंसी की तमन्ना रखती हैं, तो कंसीव करने के 6 महीने पहले से और प्रेगनेंसी के दौरान शराब से पूरी तरह से परहेज रखें। साथ ही कॉफी जैसे कैफीनयुक्त ड्रिंक्स का सेवन जितना हो सके उतना सीमित रखें।
- सुनिश्चित करें कि आपको वैक्सीनेशन के बारे में उचित जानकारी हो और जरूरत अनुसार इसे जरूर लगवाएं।
- अपने ‘पेट’ को सुरक्षित रखने का खास ख्याल रखें। ऐसी किसी भी गतिविधि में भाग से बचें जिनमें चोट लगने का अधिक जोखिम होता है, साथ ही कार में हमेशा अपनी सीट बेल्ट पहनें।
- कोई भी दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें। सभी प्रकार की वैकल्पिक छोटी/बड़ी सर्जिकल प्रक्रियाओं से बचें। नियमित रूप से अपनी जांच कराएं साथ ही डॉक्टर द्वारा बताई गई सभी दवाइयों को समय पर लें।
- सबसे महत्वपूर्ण बात, खुश रहने की कोशिश करें और मूड फ्रेश करने के लिए कभी-कभी लांग ड्राइव या अपनी किसी भी पसंदीदा जगह पर घूम आएं।