गर्भावस्था

डिलीवरी के बाद शारीरिक संबंध बनाने का क्या है सही समय? एक्सपर्ट से जानें

डिलीवरी के बाद अक्सर महिलाएं लंबे समय तक सेक्स नहीं करती हैं। इसके पीछे कई वजहें हैं जैसे, महिलाओं को डर लगता है कि डिलीवरी के बाद सेक्स करने से वे दोबारा जल्दी गर्भवती हो सकती हैं, उनके लिए यह प्रक्रिया दर्दभरी हो सकती है और इससे उनके स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है। इस तरह के डाउट की वजह से महिलाएं लंबे समय तक सेक्स करने से बचती रहती हैं। इसका असर उनके मैरीड लाइफ पर भी पड़ने लगता है। कई बार तो पति-पत्नी के बीच क्लेश की स्थिति भी पैदा हो जाती है। अगर इस तरह की स्थिति से बचना चाहते हैं, तो महिलाओं को पता होना चाहिए कि वे नॉर्मल डिलीवरी के कितने दिनों बाद सेक्स के लिए तैयार हो सकती हैं।

डिलीवरी के कितने दिनों बाद करें सेक्स?

वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता कहती हैं, “वैसे तो नॉर्मल डिलीवरी के बाद महिलाओं को वजाइना में स्टिचेस लगे होते हैं, जो कि एक सप्ताह से लेकर 15 दिनों तक लगे रह सकते हैं। जब तक स्टिचेस रिमूव न कर दिया जाए, तब तक सेक्स करना सेफ नहीं होता है। इस दौरान सेक्स करने से महिला को चोट लग सकती है। यही नहीं, उसे डिलीवरी पेन से रिकवरी करने में भी समय लग सकता है। इसके अलावा, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि डिलीवरी के कम से कम 4 से 6 सप्ताह तक सेक्स नहीं करना चाहिए।”

असल में, इस दौरान महिला का शरीर काफ कमजोर होता है, बच्चे को दूध पिलाने के कारण, वह थकान और अन्य समस्याओं से भी जूझ रही होती है। यही नहीं, डिलीवरी के बाद कुछ महिलाओं को योनि में ड्राईनेस, सेक्स डिजायर में कमी जैसी चीजों का भी अनुभव करती हैं। कुल मिलाकर यह कहा जा सका है कि शुरुआती दो सप्ताह तक तो किसी भी स्थिति में सेक्स न करें और इसके बाद शरीर की हीलिंग पावर को ध्यान में रखते हुए 4 से 6 सप्ताह गुजर जाने के बाद सेक्स को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बना सकते हैं।

क्या डिलीवरी के बाद सेक्स करने से दर्द होता है?

स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता के अनुसार, “प्रेग्नेंसी से लेकर डिलीवरी और फिर शिशु को स्तनपान कराने तक महिलाओं के शरीर में की सारे बदलाव होते हैं। इस दौरान वे कई तरह के हार्मोनल बदलाव से भी गुजरती हैं। ऐसे में उन्हें वजाइनल ड्राईनेस, योनि में दर्द जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। अगर महिला ने पूरी तरह रिकवरी न की हो, तो डिलीवरी के बाद वह जब भी सेक्स करेगी, तो उसे दर्द का अहसास हो सकता है।”

इन बातों का जरूर रखें ध्यान

समय का ध्यान रखें
डिलीवरी के बाद जब भी पहली बार सेक्स करें, तो बहुत ज्यादा कॉन्शस रहें। ऐसा इसलिए, क्योंकि जब भी अपने अंतरंग संबंध की नई शुरुआत करें, तो वह मानसिक तौर पर सुकून देने वाली होनी चाहिए। ऐसा करने से सेक्स में होने वाली छोटी-मोटी तकलीफों को नजरअंदाज करना आसान हो जाता है।

लुब्रिकेंट लगाएं
स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता आगे सलाह देती हैं, “डिलीवरी के बाद महिलाओं को सेक्स करने से पहले लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करना चाहिए। दरअसल, सेक्स पूरी तरह माइंड गेम होता है। अगर आप मेंटली सेक्स करने के लिए तैयार नहीं होंगी, तो इससे योनि में ड्राईनेस बनी रहेगी। ऐसे में अगर सेक्स किया जाए, तो इससे आपको तकलीफ हो सकती है। वहीं, लुब्रिकेंट के इस्तेमाल से सेक्स प्रक्रिया सहज हो जाएगी।”

दर्द निवारक लें
स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता की मानें, “डिलीवरी के बाद जब भी आप पहली बार सेक्स करें, तो कुछ खास किस्म के दर्दनिवारक जरूर लें। जरूरी नहीं है कि आप दवाईयों का सेवन करें। इसके उलट, आपको चाहिए कि सेक्स से पहले यूरिन कर लें, वॉर्म बाथ ले लें। ऐसा करने से पेल्विक एरिया को खुलने में मदद मिलेगी और दर्द नेचुरल तरीके से कम होगा। अगर सेक्स करने के बाद योनि में जलन महसूस हो, तो बर्फ का इतेमाल करें।”

चीजों को योनि से रखें दूर
आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता आगे सलाह देती हैं, “डिलीवरी के बाद महिलाओं को अपनी योनि में कोई भी बाहरी चीज नहीं डालनी चाहिए। इनमें टैम्पोन जैसी चीजें शामिल हैं। ध्यान रखें, आपकी ग्रीवा अभी तक सिकुड़ी नहीं है। बच्चा होने के बाद, आपकी इम्यूनिटी बहुत कमजोर हो जाती है। बैक्टीरिया आपकी गर्भाशय में प्रवेश कर आपको आसानी से बीमार कर सकता है। इंटिमेट रिश्ते के लिए भी कम से कम 6-7 सप्ताह का समय लें।”

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