लिवर सिरोसिस की चौथी स्टेज के इन लक्षणों न करें इग्नोर, बन सकता है जानलेवा

लिवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है तो कई काम करता है। अगर लिवर काम करना बंद कर दे तो स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए लिवर को हेल्दी रखना बहुत जरूरी है। हमारी लाइफस्टाइल और हमारे द्वारा ली जा रही डाइट का असर हमारे लिवर पर जरूर पड़ता है। और आजकल लोगों की लाइफस्टाइल खराब होती जा रही है जिससे डाइट भी प्रभावित होती जा रही है। इसी वजह से आजकल लोगों को लिवर से जुड़ी समस्याएं होने लगी हैं और लिवर सिरोसिस जैसी खतरनाक बीमारियों के लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं। लिवर सिरोसिस का अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह गंभीर चरणों में यानी चौथी स्टेज में पहुंच सकती है। जानें लिवर स्टेज की चौथी स्टेज कितनी खतरनाक है।
लिवर सिरोसिस ऐसी बीमारी है, जिससे लिवर पर स्कार बनने लगते हैं। यानी उसकी त्वचा खराब होने लगती है। लिवर सिरोसिस की सबसे गंभीर स्थिति को लिवर सिरोसिस की चौथी स्टेज ही कहा जाता है, जिसके बाद लिवर सीधा काम करना बंद कर देता है। लिवर सिरोसिस की चौथी स्टेज में लिवर काम करना लगभग पूरी तरह से बंद कर देता है और अगर सही समय पर सही इलाज शुरू न किया जाए तो एक साल के अंदर ही मरीज की मौत होने की संभावना बढ़ जाती है।
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चौथी स्टेज में लक्षण
जब लिवर सिरोसिस चौथे चरण में पहुंच जाए तो इससे होने वाले लक्षण भी गंभीर होने लगते हैं।
- त्वचा का पीला पड़ जाना,
- उल्टी के साथ खून आना,
- गहरे रंग का पेशाब और मल आना आदि।
इसके अलावा लिवर इसमें जब लगभग पूरी तरह से काम करना बंद कर देता है, तो इसके कारण शरीर में कुछ अन्य लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं। हालांकि, लिवर सिरोसिस की चौथी स्टेज में कुछ लक्षण ऐसे भी होते हैं, जिनके बारे में अंदाजा नहीं हो पाता है कि ये लक्षण लिवर की बीमारी से जुड़े हैं। लिवर सिरोसिस के लक्षणों को इग्नोर करना जानलेवा स्थिति पैदा कर सकता है।
लिवर सिरोसिस की चौथी स्टेज का इलाज
लिवर सिरोसिस का इलाज उसकी स्टेज व महसूस हो रहे लक्षणों के अनुसार ही किया जाता है। अगर लिवर सिरोसिस चौथी स्टेज में है, तो इमरजेंसी में उसका ट्रीटमेंट शुरू किया जाता है। ज्यादातर मामलों में जब लिवर सिरोसिस चौथी स्टेज में पहुंच जाता है, तो उसका इलाज लिवर ट्रांसप्लांट की मदद से ही किया जाता है। इस तकनीक में सर्जरी की मदद से डैमेज लिवर को निकाल लिया जाता है और उसकी जगह पर डोनर से प्राप्त हेल्दी लिवर को ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है।