गुजरात राज्य में अपने बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स के बाद हद से अधिक ब्लीडिंग (Bleeding) होने से 23 साल की नर्सिंग स्टूडेंट की मौत हो गई। घटना नवसारी जिले के एक होटल में हुई। बताया जा रहा है कि युवती के बॉयफ्रेंड ने एंबुलेंस नहीं बुलाई, बल्कि करीब 90 मिनट तक ऑनलाइन सर्च करके खून रोकने के तरीके ढूंढता रहा। पुलिस ने उसे गैर-इरादतन हत्या और सबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फॉरेंसिक रिपोर्ट से पता चला है कि शारीरिक संबंध बनाने के दौरान युवती के प्राइवेट पार्ट में चोट लग गई थी, जिससे बुरी तरह ब्लीडिंग होने लगी। बताया जा रहा है कि मेडिकल हेल्प (Medical Help) नहीं मिलने की वजह से युवती की मौत हुई। जांच में यह बात भी सामने आई है कि जब युवती की हालत गंभीर हो गई थी, उसके बाद भी आरोपी ने शारीरिक संबंध बनाने का प्रयास किया।
खून रोकने के लिए आजमाए ये तरीके
रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि आरोपी ने कपड़े की मदद से ब्लीडिंग रोकने का प्रयास किया, लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ और युवती बेहोश हो गई। जब किसी भी तरह से उसे ब्लीडिंग रोकने में कामयाबी नहीं मिली तो उसने अपने एक दोस्त को कॉल किया। इसके बाद वह उस लड़की को प्राइवेट अस्पताल ले गया, जहां से उसे सिविल हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। जब तक लड़की के परिजन अस्पताल पहुंचते, उसे मृत घोषित कर दिया गया।
इस मामले में पुलिस अधीक्षक सुशील अग्रवाल ने बताया कि ज्यादा ब्लीडिंग होने की वजह से युवती की मौत हुई। युवक ने मेडिकल असिस्टेंस या 108 पर कॉल नहीं किया। वह अपने दोस्तों से बातचीत करता रहा। अगर लड़की को समय पर इलाज मिल जाता तो उसकी जान बच सकती थी। युवती नवसारी में फर्स्ट ईयर नर्सिंग स्टूडेंट थी। वह लगभग सात महीने पहले सोशल मीडिया पर युवक से मिली थी।
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सेक्स के बाद ज्यादा ब्लीडिंग होने की वजह
विशेषज्ञ बताते हैं कि पहली बार शारीरिक संबंध बनाने पर हाइमन के टूटने की वजह से दर्द और ब्लीडिंग जैसी दिक्कत आम बात होती है।
अगर वजाइना में इंफेक्शन है तो सेक्स के बाद ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है।
इसके अलावा वजाइनल कैंसर की वजह से भी यह दिक्कत होती है।
अगर वजाइना ज्यादा ड्राई है तो भी ब्लीडिंग की दिक्कत हो सकती है।
कई बार गलत तरीके से शारीरिक संबंध बनाने या जोर-जबर्दस्ती करने से प्राइवेट पार्ट में चोट लग जाती है, जिससे यह दिक्कत गंभीर हो सकती है।
इस तरह के मामलों में समय पर इलाज न मिलने से जान जाने का खतरा भी रहता है।