आयुर्वेद में छिपा है हेल्दी और फिट सेहत का राज, Health के लिए अपनाएं ये उपाय

स्वास्थ्य देखभाल के लिए आयुर्वेद में प्राचीन काल से प्राकृतिक तौर तरीकों पर बल दिया जाता है। यह चिकित्सा पद्धति इतना प्रभावशाली है कि धीरे धीरे इसकी ख्याति पूरे विश्व में हो गई है। बिना किसी साइड इफेक्ट के जड़ी-बूटियों के इस्तेमाल से स्वास्थ्य लाभ पाने के लिए आयुर्वेद लोगों का भरोसेमंद साथी बन गया है। जहां स्वास्थ्य लाभ की बात आती है, लोगों का पहला चयन आयुर्वेदिक उपचार ही होता है।
आयुर्वेद एक्सपर्ट बताते हैं कि शरीर के देखभाल के लिए आयुर्वेद में तीन दोषों के संतुलन पर जोर दिया जाता है। ये तीन दोष हैं- वात, पित्त, कफ। आयुर्वेद के मुताबिक, यही तीन दोष आपके शरीर में मुख्य ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसके कारण आपका शरीर सुचारु रूप से कार्य कर पाता है। स्वस्थ शरीर के लिए इन दोषों का संतुलन काफी जरूरी होता है। यही तीन दोष शरीरिक, मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
यह भी पढ़ें: 35 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को डाइट में शामिल करनी चाहिए ये तीन चीजें, रहेंगी सेहतमंद
शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेदिक उपाय
ध्यान- तन और मन के बीच सामंजस्य बैठाने के लिए ध्यान बहुत जरूरी है। नियमित ध्यान करने से आपका तनाव कम होता है, एकाग्रता बढ़ती है और विचारों में स्पष्टता आती है। इसलिए आपको ध्यान को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। इससे निर्णय लेने की क्षमता में भी विकास होता है और अध्यात्म में रुझान बढ़ता है।
उचित आहार- किस व्यक्ति को क्या खाना चाहिए, इसका निर्णय उसके शरीर में मौजूद तीनों दोषों के स्तर को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। उचित आहार से ये सभी दोष संतुलित हो जाते हैं और इसके कारण होने वाले विकारों से मुक्ति मिल जाती है। यह पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान करता है और स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
पंचकर्म- पंचकर्म आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति की वह तकनीक है, जिसकी मदद से शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाला जाता है। यही विषाक्त पदार्थ आपके शरीर में मौजूद कई बीमारियों का कारण हो सकते हैं।
दैनिक दिनचर्या- आपकी दैनिक दिनचर्या दिनचर्या सही है तो आपको अच्छी नींद आती है और पाचन शक्ति भी बढ़ती है। इससे आपकी कार्य करने की क्षमता भी प्रभावित होती है, इसलिए एक दैनिक दिनचर्या बनाएं और उसका पालन करें।
तनाव प्रबंधन- आधुनिक समय में व्यस्त जीवनशैली के कारण लोगों का तनाव भी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में तनाव के कारण तरह तरह की बीमारियां भी उत्पन्न होती हैं, जो धीरे-धीरे स्वास्थ्य पर नेगेटिव प्रभाव डालती हैं। शरीरिक और मानसिक आरोग्य के लिए तनाव प्रबंधन बहुत जरूरी है। इसके लिए आप योग, आयुर्वेदिक उपचार, ध्यान, आदि का उपयोग कर सकते हैं।
भरपूर नींद- एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए नींद बेहद जरूरी है। यह जीवन के तीन महत्वपूर्ण आधारों में से एक है। नींद के दौरान शरीर के अंदर ऊर्जा का संचय होता है, जिसकी मदद से शरीर कर्यांवित होता है। नींद शरीर का सामंजस्य प्रकृति के साथ स्थापित करता है और विचारों की स्पष्टता प्रदान करता है।
हर्बल उपचार- आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी बूटियों के बारे में बताया गया है, जिनके सेवन से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इसमें प्रमुख हैं- तुलसी, अश्वगंधा, हल्दी, आंवला, नीम, शतावरी, गुडुची, आदि। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है और संपूर्ण स्वास्थ्य लाभ होता है।