दुनियाभर में एक-तिहाई लोगों की मौत दिल की बीमारियों (Heart Disease) से हो रही हैं। दिल हमारे शरीर का केंद्र है, यह जब तक धड़क रहा है तब तक ही हम जिंदा हैं। आमतौर पर दिल के रोग उम्र बढ़ने के साथ ही आते हैं, लेकिन बीते कुछ सालों में युवाओं खासकर 30-40 साल की उम्र वालों में हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ा है।
हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट फेल्योर जैसी जानलेवा कंडीशन आम हो गई है। इसकी वजह खराब लाइफस्टाइल, खानपान, हेल्थ कंडीशंस, कोविड या इनवायरमेंट जैसे फैक्टर्स हैं। हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनकी दिल की सेहत कभी नहीं बिगड़ती है। ऐसे लोगों को हार्ट अटैक (Heart Attack) का चांस ही नहीं रहता है।
हेल्दी लाइफस्टाइल
आजकल अधिकतर बीमारियां अनहेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से हो रही हैं। देर रात तक जगना, सुबह देर से उठना, एक्सरसाइज न करना, फास्ट फूड और तली-भुनी चीजें खाने की वजह से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, मोटापा जैसी समस्याएं हो रही हैं, जो आगे चलकर हार्ट अटैक का कारण बनती हैं। ऐसे लोग जिनकी लाइफस्टाइल हेल्दी है, उनका हार्ट हमेशा हेल्दी रहता है। ये बीमारियां उनके पास फटक भी नहीं पाती हैं।
स्वस्थ खानपान
खानपान बैलेंस रखने वालों के दिल की सेहत दुरुस्त रहती है। संतुलित आहार से दिल को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं और खराब कोलेस्ट्रॉल कम होता है। खाने में फल, सब्जियां, ड्राई फ्रूट्स, ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर चीजें खाने वालों का दिल सेहतमंद रहता है।
रेगुलर एक्सरसाइज
एक्सरसाइज या वर्कआउट से दिल की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। रेगुलर तौर पर ऐसा करने वालों का दिल कभी बीमार नहीं होता है और हार्ट अटैक का खतरा भी टलता है। दिल को सुकून और आराम देने के लिए हर किसी को कसरत करनी चाहिए। रोजाना 30 मिनट पैदल चलना, जॉगिंग, स्विमिंग और साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज से दिल की सेहत अच्छी बना सकते हैं।
स्ट्रेस मैनेज
आजकल काम का प्रेशर बढ़ने की वजह से हार्ट पर दबाव बढ़ रहा है। इससे दिल जल्दी बीमार हो जाता है। दिल की सेहत दुरुस्त रखने के लिए तनाव से खुद को दूर रखने वालों को कभी हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी हार्ट डिजीज का खतरा नहीं होता है। ऐसे लोगों का दिल हेल्दी रहता है।
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अच्छी नींद
अच्छी नींद से दिल को आराम मिलता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। यूरोपियन हार्ट जर्नल में पब्लिश रिसर्च के अनुसार, जल्दी सोकर, जल्दी उठने से दिल की बीमारियों का खतरा कम किया जा सकता है। इससे बॉडी क्लॉक डिस्टर्ब नहीं होता है और दिल हेल्दी रहता है।
धूम्रपान न करना
शनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश साल 2016 की एक स्टडी रिपोर्ट में बताया गया कि युवाओं में हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ाने वाला एक कारण स्मोकिंग बी है। स्मोकिंग से फेफड़े और ब्लड वेसल्स कमजोर हो जाते हैं, जो हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ाती हैं। धूम्रपान से दिल की धमनियां संकुचित होती हैं और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है। शराब-सिगरेट न पीने वालों का दिल भी हेल्दी रहता है और उनमें हार्ट डिजीज का जोखिम न के बराबर होता है।