‘तनाव’ बढ़ा रहा ब्रेन स्ट्रोक-कैंसर, हर 5वें कर्मचारी के मन में आ रहे ये गंदे ख्याल!

Office Tension Leads To Brain Stroke: ‘प्लम’ कि रिपोर्ट के अनुसार इंडिया में अधिकतर कर्मचारी गंभीर बीमारियों, मानसिक तनाव और थकावट से जूझ रहे हैं. ‘प्लम’ कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 40 साल की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते अधिकतर कर्मचारियों को गंभीर बीमारियां होने लगती हैं. 40 प्रतिशत कर्मचारी हर महीने मानसिक तनाव की वजह से छुट्टी लेते हैं. हर 5 में से 1 कर्मचारी थकावट की वजह से नौकरी छोड़ने पर विचार कर रहा है.
कम उम्र में बीमारियों का रिस्क बढ़ा | Office Tension Leads To Brain Stroke
रिपोर्ट के अनुसार, चिंताजनक बात यह है कि गंभीर बीमारियां अब कम उम्र में ही शुरू हो रही हैं. डेटा से पता चलता है कि बड़ी और खतरनाक बीमारियां अब 30 की उम्र के बाद जल्दी-जल्दी लोगों को होने लगी हैं. हार्ट की बीमारी औसतन 32 साल की उम्र में शुरू हो रही है. कैंसर की जानलेवा बीमारी लगभग 33 साल की उम्र में लोगों में पाई जा रही है. डायबिटीज करीब 34 साल की उम्र में लोगों में शुरू हो रही है. किडनी जैसी गंभीर बीमारी 35 साल की उम्र में सामने आ रही है. दिमाग से जुड़ी बीमारियां, जैसे स्ट्रोक, ब्रेन में ब्लड सप्लाई रुकना आदि 36 साल की उम्र में हो रही हैं.
निजी जीवन और काम करने की क्षमता पर असर | Office Tension Leads To Brain Stroke
कम उम्र में गंभीर बीमारियां होने से लोगों की सेहत जल्दी खराब हो रही है, जिससे उनका निजी जीवन और काम करने की क्षमता दोनों पर असर पड़ता है. इससे हेल्थकेयर सिस्टम पर बोझ पड़ता है और कहीं न कहीं इसका असर देश की आर्थिक तरक्की पर भी पड़ता है. रिपोर्ट के मुताबिक, लंबे समय तक चलने वाली बीमारियां कंपनियों को बहुत नुकसान पहुंचा रही हैं. हर साल, एक कर्मचारी अगर किसी लंबी बीमारी से परेशान रहता है, तो कंपनी को उससे जुड़े काम में लगभग 30 दिन का नुकसान होता है.

शारीरिक और मानसिक सेहत का दें ध्यान | Office Tension Leads To Brain Stroke
रिपोर्ट में भारतीय कंपनियों को यह सलाह दी गई है कि वे न सिर्फ बीमार होने पर इलाज कराने की सुविधा पर ध्यान दें, बल्कि बीमारियों होने से पहले की रोकथाम पर भी ध्यान दें. कर्मचारियों के शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत का पूरा ख्याल रखें. प्लम के सह-संस्थापक अभिषेक पोद्दार ने कहा है कि कंपनियों को हेल्थकेयर के नाम पर सिर्फ बीमा तक सीमित नहीं रहना चाहिए. उन्हें कर्मचारियों को ऐसा हेल्थ सिस्टम मुहैया करना चाहिए, जो उनकी मानसिक, शारीरिक और सामाजिक सेहत तीनों का ख्याल रखे.
मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं तेजी से बढ़ रही है | Office Tension Leads To Brain Stroke
रिपोर्ट में कहा गया कि बीमारी के बढ़ते बोझ के बावजूद सिर्फ 20 प्रतिशत कंपनियां ही अपने कर्मचारियों को नियमित स्वास्थ्य जांच की सुविधा प्रदान करती हैं. अगर यह सुविधा उपलब्ध भी हो, तो भी सिर्फ 38 प्रतिशत कर्मचारी ही इसका इस्तेमाल करते हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. सबसे बड़ी चिंता एंग्जायटी की समस्या है. रिपोर्ट के डेटा से पता चलता है कि 30 से 49 साल की उम्र वाले कर्मचारियों में, 58 प्रतिशत हेल्थकेयर सुविधा का इस्तेमाल पुरुष करते हैं. जिससे साफ है कि महिलाओं को हेल्थकेयर तक पहुंच कम मिलती है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 50 से 59 साल की उम्र की 68 प्रतिशत महिला कर्मचारी स्वास्थ्य सेवा लाभ का इस्तेमाल करती हैं. मेनोपॉज की वजह से और ज्यादा बीमार होने पर वे इलाज लेने लगती हैं.
