खड़े होते ही आंखों के सामने छा रहा अंधेरा, जानें इसके पीछे के कारण

Causes Of Blur Vision: क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि बैठे या लेटे हुए पोजीशन से अचानक खड़े होने पर चक्कर या आंखों के सामने अंधेरा छा जाए? ऐसा कुछ सेकंड के लिए होता है, जब सबकुछ धुंधला या काला नजर आता है, चक्कर या लगता है? आपको बता दें, ऐसा कई लोगों के साथ होता है, लेकिन लोग इसे इग्नोर कर देते हैं. लेकिन अगर आपके साथ ऐसा बार-बार हो रहा है, तो यह खतरे से खाली नहीं है. इसके पीछे कई गंभीर समस्या हो सकती है. हम आपको इसके कारणों के बारे में डिटेल में बताएंगे.
ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन | Causes Of Blur Vision
ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन इसका सबसे आम कारण है. बैठने या लेटने वाले पोजीशन से अचानक खड़े होने पर ब्लड प्रेशर अचानक नीचे गिर सकता है. इससे ब्रेन को कुछ समय के लिए पूरी मात्रा में ब्लड नहीं मिल पाता, जिससे आंखों के सामने अंधेरा छा जाता है. आमतौर पर यह डिहाइड्रेशन, कमजोरी यह कुछ दवाइओं के असर से हो सकता है.
हीमोग्लोबिन की कमी | Causes Of Blur Vision
शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होने पर भी खड़े होने पर आंखों के सामने अंधेरा छा सकता है. शरीर में जब आयरन की कमी हो जाती है, तो हीमोग्लोबिन लेवल कम हो जाता है और शरीर के कई हिस्सों में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है. इस स्थिति में थोड़े से फिजिकल एक्टिविटी में भी कमजोरी या आंखों के सामने अंधेरा छा जाता है. खासतौर पर महिलाओं और बच्चों में ये ज्यादा देखा जाता है.

डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट की कमी | Causes Of Blur Vision
शरीर में पानी और जरूरी मिनरल्स की कमी से भी आंखों के सामने अंधेरा छा सकता है और सिर हल्का लग सकता है. खासतौर पर गर्मी के मौसम में यह समस्या बढ़ जाती है. इस मौसम में ज्यादा पसीना निकलता है, जिससे शरीर से सोडियम, पोटैशियम जैसे जरूरी इलेक्ट्रोलाइट्स बाहर निकल जाते हैं, जिससे ब्लज सर्कुलेशन पर असर पड़ता है.
दवा के साइड इफेक्ट | Causes Of Blur Vision
कुछ दवाओं के कारण भी आंखों के सामने अंधेरा छा सकता है. खासतौर पर डाइयूरेटिक्स और एंटीहाइपरटेंसिव की दवाओं के साइड इफेक्ट ऐसे होते हैं, जो ब्लड प्रेशर को रेगुलेट नहीं कर पाते और अचानक खड़े होने पर चक्कर आ सकता है.

हार्ट या न्यूरोलॉजिकल समस्याएं | Causes Of Blur Vision
कुछ मामलों में हार्ट या न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के कारण भी आंखों के सामने अंधेरा छा जाता है. यह इरेगुलर हार्ट बीट या ब्रेन से जुड़ी किसी डिसऑर्डर के कारण भी हो सकते हैं. अगर ऐसा बार-बार होता है, तो डॉक्टर को दिखाना बेहद जरूरी है.