अगर आपके बढ़ते हुए बच्चों का शारीरिक विकास अचानक से रूक गया है और बच्चे ठीक से पनप नहीं पा रहे हैं, तो उनकी तत्काल जांच करा लेनी चाहिए. क्योंकि ऐसे बच्चों में हीमोग्लोबिल की कमी होने के कारण उनका शारीरिक विकास रूक जाता है.
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हापुड़ के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रामवीर सिंह ने बताया कि बच्चों का शारीरिक विकास रूकने के मुख्य कारण बच्चों में एनीमिया की कमी होना है. यह कमी छह माह के बच्चा होने के बाद समय से उसका अन्न प्रासन नहीं कराने के कारण भी होती है.
उन्होंने बताया कि समय से बच्चे का खान-पान कराया जाना चाहिए. बच्चे को दूध के अलावा दाल-दलिया, खिचड़ी, केला, बॉयल आलू, सूजी की खीर आदि खाने-पीने की चीजें देनी शुरू कर देनी चाहिए. डॉ. रामवीर सिंह ने बताया कि बच्चों में खून की कमी होती है, तो तुरंत उनकी जांच करानी चाहिए. साथ ही बच्चों में सबसे बड़ी कमी रीक्रेटस की होती है, जो कैल्शियम और विटामिन डी-3 की वजह से होती है.
धूप में सेकना बहुत जरूरी
उन्होंने बताया कि विटामिन डी-3 अक्सर सभी में कम मिलता है, ऐसे में सभी को धूप सेकना बहुत जरूरी है. बच्चों में किसी भी तरह की बीमारी या समस्या के लिए जागरूक होना बहुत जरूरी है. डॉ. रामवीर सिंह ने बताया कि जन्मजात बीमारी को छोड़कर हर बीमारी का उपचार होना संभव है. इसके लिए समय पर जांच जरूरी होती है.
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18 हजार बच्चों की जांच
आपको बता दें कि हापुड़ जिले में बीते दिनों बाल स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा एनीमिया मुक्त भारत अभियान चलाया गया था. इस अभियान के तहत हेल्थ टीमों ने अलग-अलग स्कूलों में जाकर बच्चों के हीमोग्लोबिन की जांच की थी. छह दिन तक चले इस अभियान में तीन अलग-अलग आयु वर्ग के करीब 18 हजार बच्चों की जांच की गई थी. जिसमें से 20 फीसदी बच्चे यानि करीब 3600 बच्चों में खून की कमी पाई गई. ऐसे बच्चों को स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा सिरप और टैबलेट आदि दिये गये थे.