ब्रोंकाइटिस, आपके फेफड़ों में जाने वाले वायुमार्ग में होने वाली सूजन है। जब आपके वायुमार्ग (ट्रेकिया और ब्रॉन्काई) में जलन होती है, तो वे सूज जाते हैं और बलगम से भर जाते हैं, जिससे आपको खांसी होती है। यह खांसी कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकती है। यह ब्रोंकाइटिस का प्रमुख लक्षण है।
जब लोग ब्रोंकाइटिस की बात करते हैं, तो उनका मतलब आमतौर पर एक्यूट ब्रोंकाइटिस होता है, जो एक अस्थायी स्थिति होती है, जिससे आपको खांसी होती है। कई लोगों को ब्रोंकाइटिस की समस्या बार-बार और कई बार होती है, इसे क्रोनिक ब्रोंकाइटिस मान लिया जाता है।
आज इसी पर बात करने के लिए आरोग्य इंडिया प्लेटफोर्म से जुड़े हैं डॉ एन बी सिंह। आपको बता दें कि डॉ एन बी सिंह लखनऊ स्थित बलरामपुर हॉस्पिटल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक हैं। उन्हीं से ब्रोंकाइटिस को आसान भाषा में समझते हैं। साथ ही इसके लक्षण, प्रकार और इलाज को समझते हैं।
डॉ के मुताबिक, सांस की नली में इंफ्लामेशन होने को ब्रोंकाइटिस कहते हैं। इसके होने पर सूखी खांसी आती है और सांस फूलती है। इसके होने का कारण बैक्टीरियल, एनवायरमेंटल और वायरल तीनों होते हैं। जब कोई ब्रोंकाइटिस या इंफ्लामेशन ऑफ एयारवे 15 दिन से कम है तो एक्यूट ब्रोंकाइटिस बोली जाती है। अगर 3 महीने तक लगातार ड्राई खांसी आती रहे और उसकी सारी जांचें नेगेटिव आती रहें तो उसे क्रोनिक ब्रोंकाइटिस बोलते हैं। क्रोनिक ब्रोंकाइटिस एक सीओपीडी के सब टाइप में आता है।
ब्रोंकाइटिस का ट्रीटमेंट प्रोसेस क्या होता है, डॉक्टर के पास पहुँचने का सही समय क्या है?
अगर ब्रोंकाइटिस अभी पता चला है या डायग्नोस हुआ है। तो जो डॉक्टर डायग्नोस करेगा, वह उसके अनुसार बैक्टीरियल, फंगल, वायरल का ट्रीटमेंट देगा। जब पीएफटी या एक्सरे या ब्लड की इंवेस्टिगेशन या बलगम की जांच हो जायेगी, इसके बाद ही इलाज शुरू होगा।
ब्रोंकाइटिस का खतरा बच्चों में ज्यादा होता है या फिर वयस्कों में?
एक्यूट ब्रोंकाइटिस तो किसी को भी हो सकता है। ये एनवायरमेंट, बैक्टीरिया, फंगस या किसी से भी संक्रमण से हो सकता है। यह बच्चों या एडल्ट दोनों में हो सकता है।
ब्रोंकाइटिस के क्या लक्षण होते हैं?
ब्रोंकाइटिस के लक्षण होने पर लगातार खांसी जो एक से तीन हफ्तों तक रहती है। अक्सर ब्रोंकाइटिस वाली खांसी में बलगम भी आता है लेकिन कई बार सूखी खांसी भी होती है। आपको सांस लेते वक्त एक सीटी जैसी आवाज भी सुनाई दे सकती है। इसके लक्षण कुछ इस प्रकार हैं –
- सांस फूलना
- बुखार
- नाक बहना
- कमजोरी\थकावट