रायगढ़ में जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर लोईंग सीएचसी अंतर्गत ग्राम सपनई में बीते 15 दिनों से चिकनपॉक्स की बीमारी फैली हुई है। हर घर में एक-दो लोग इसकी चपेट में आए थे। गांव के लोग माता समझकर बैगा से पूजा-पाठ भी कराने लगे हैं। इस बीच सपनई निवासी पुरुषोत्तम राठिया उसका बेटा व चार दिन पहले पुरुषोत्तम की 18 वर्षीय बेटी चंद्रकला भी बीमारी की चपेट में आ गई।
चंद्रकला राठिया के पूरे शरीर में चिकनपॉक्स होने के कारण उसे तेज बुखार व शरीर में असहनीय दर्द हो रहा था। ऐसे में परिवार के लोग पहले झाड़-फूंक कराए। वहीं बुधवार शाम उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी और रात में वह बेहोश होने लगी। ऐसे में परिजनों ने आसपास के ग्रामीणों को इसकी सूचना देते हुए डायल 112 को बुलाया और रात करीब दो बजे उसे मेडिकल कालेज अस्पताल लाया गया।
प्रारंभिक जांच में ही उसकी स्थिति नाजुक थी। पीड़िता को भर्ती कर उपचार किया जा रहा था। गुरुवार की सुबह करीब चार बजे उसकी मौत हो गई। अस्पताल से भेजी गई तहरीर पर चक्रधरनगर पुलिस ने मार्ग कायम कर पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया।
वहीं जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. आरके मंडावी से बात की गई तो उनका कहना था कि गुरुवार को चंद्रकला राठिया के मौत होने के बाद उसका शव पोस्टमार्टम के लिए आया था। पोस्टमार्टम उपरांत शव परिजनों को सौंप दिया गया है। ऐसे में अब पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही खुलासा हो सकेगा कि युवती की मौत चिकनपाक्स से हुआ या कोई और कारण है।
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गांव में स्वास्थ्य विभाग बांट रहा दवाई
सपनई गांव में चिकनपॉक्स से एक युवती की मौत होने की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया। वहीं गुरुवार को लोईंग स्वास्थ्य केंद्र के डाक्टर व अन्य कर्मचारियों द्वारा गांव पहुंच कर प्रत्येक घर का सर्वे किया गया है। साथ ही सभी लोगों को दवाई का वितरण भी किया गया है। सर्वे करने गए कर्मचारियों ने बताया कि फिलहाल उस गांव में तीन लोग चिकनपॉक्स से पीड़ित मिले हैं। उनका उपचार चल रहा है। लोगों को बीमारी से बचने के लिए आवश्यक सुझाव भी दिए गए हैं, ताकि कोई और व्यक्ति चपेट में न आ सके।
एक्सपर्ट ने दी सलाह
इस संबंध में मेडिकल कालेज अस्पताल के प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र नायक ने बताया कि पहले लोगों को छोटी चिकनपॉक्स (छोटी माता) होता था। अब पूरी तरह से खत्म हो गया है, लेकिन कभी-कभार हरपिस नामक वायरस तेज गर्मी व उमस की वजह से आता है। इससे चिकनपाक्स (बड़ी माता) हो जाती है। यह शरीर के तंत्रिका को प्रभावित करता है।
इस बीमारी की वजह से तेज बुखार व बदन दर्द ज्यादा होता है। इससे यूनिटी पावर कम हो जाती है। जिस व्यक्ति को चिकनपॉक्स की शिकायत हो उसे अलग रखना चाहिए। क्याेंकि उसके शरीर से वायरस निकल कर हवा के माध्यम से दूसरे को भी प्रभावित करता है।
इससे किसी की मौत नहीं होती है। वहीं यदि इसका असर व्यक्ति के दिमाग तक पहुंच जाता है तो काफी मुश्किल होती है। ऐसे में अगर किसी को चिकनपाक्स हो तो उस व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करना चाहिए, ताकि उसके शरीर में पानी की कम न हो और स्थिति सामान्य रहे।