Know About Dead Butt Syndrome: नौकरीपेशा लोगों का ज्यादातर समय ऑफिस की चेयर पर बैठे-बैठ गुजरता है। कंप्यूटर और लैपटॉप स्क्रीन के सामने बैठे रहने की वजह से कई समस्याएं भी लोगों को अपना शिकार बना रही हैं। हालांकि, लगातार बैठे रहने के भी कई नुकसान समय-समय पर सामने आते रहते हैं। इसकी वजह से शारीरिक और मानसिक समस्याएं होने लगती हैं। डेड बट सिंड्रोम (Dead Butt Syndrome) भी ऐसी ही एक समस्या है, जो लंबे समय तक लगातार बैठे रहने की वजह से होती है। आइए जानते हैं इस सिंड्रोम के बारे में….
बहुत ज्यादा बैठने के कारण कूल्हे की मांसपेशियां होती हैं प्रभावित | Know About Dead Butt Syndrome
डेड बट सिंड्रोम को क्लिनिकल भाषा में ग्लूटस मेडियस टेंडिनोपैथी कहा जाता है। यह कंडीशन तब होती है जब बहुत ज्यादा बैठने के कारण कूल्हे यानी हिप्स की मांसपेशियां, विशेष रूप से ग्लूटस मेडियस और मिनिमस कमजोर हो जाती हैं और इनएक्टिव हो जाती हैं, जिससे असुविधा, दर्द और लंबे समय तक कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। ग्लूट मांसपेशियां पेल्विस को स्टेबल करने, अच्छा पोश्चर बनाए रखने और गति को सुविधाजनक बनाने के लिए जरूरी हैं। अगर समय रहते इसे गंभीरता से नहीं लिया गया, तो यह अन्य समस्याओं का कारण बन सकती है।
हिप्स की मांसपेशियां हो जाती हैं सुन्न | Know About Dead Butt Syndrome
इसके लक्षणों की बात करें, तो इसकी वजह से हिप्स की ग्लूटल मांसपेशियां (ग्लूट) सुन्नपन और थोड़ा दर्द महसूस होना शामिल है। इसके अलावा एक या दोनों कूल्हों, पीठ के निचले हिस्से और घुटनों में तेज दर्द तक हो सकता है, आमतौर पर जब आप बैठे होते हैं या बैठने के बाद खड़े होते हैं। एक इनएक्टिव लाइफस्टाइल, जिसमें बहुत ज्यादा बैठना या लेटना और पर्याप्त मूवमेंट न करना इसका कारण बन सकता है। इतना ही नहीं, जो लोग सुबह-शाम दौड़ते हैं, अगर वे अपना बाकी का समय बिना दौड़े डेस्क पर बिताते हैं, तो उन्हें भी इस सिंड्रोम का खतरा ज्यादा होता है।
इनएक्टिव लाइफस्टाइल में बदलाव जरूरी | Know About Dead Butt Syndrome
इस सिंड्रोम से बचने के लिए सबसे कारगर और प्रभावी तरीका एक अपनी इनएक्टिव लाइफस्टाइल में बदलाव करना है। ऐसे में इससे निपटने के लिए अपनी रूटीन में नियमित व्यायाम को शामिल करना, ग्लूट-मजबूत करने वाली एक्टिविटीज आदि कर सकते हैं। साथ ही स्टेंडिंग डेस्क एक्सरसाइजेज, स्क्वाट्स, लंजेस, स्ट्रेचिंग की मदद से भी इससे राहत पा सकते हैं।
टाइगर वूड हो चुके हैं इस बीमारी का शिकार | Know About Dead Butt Syndrome
आपको बता दें कि मशहूर गोल्फर टाइगर वूड इस बीमारी के शिकार हो चुके हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में मायो क्लीनिक की स्पेशलिस्ट डॉ. जेन कोनिडिस कहती हैं कि यह सुनने में बहुत सादारण लगता है लेकिन इसका असर बहुत गंभीर होता है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लूटियस शरीर की सबसे बड़ी मांसपेशी है और यह सबसे ज्यादा शॉक एब्जॉवर है। ग्लूटियर मैक्सीमस मेडिकल टर्म है जो हिप यानी नितंब वाली मांसपेशिया है. यदि यह सही से काम नहीं करेगी तो एक दिक्कत से कई तरह की दिक्कतें सामने आएगी। पहले हेमस्ट्रिंग मसल्स फटने लगेंगे. ये मसल्स हिप्स के ठीक नीचे होते हैं। इसके बाद साइटिका होने लगेगा फिर शीन स्प्लिंट में दिक्कत होगी यानी पैरों की नीचे की मांसपेशियां फटने लगेगी। इसके बाद घुटनों में अर्थराइटिस होने लगेगा। यानी एक बीमारी खत्म नहीं हुई कि दूसरी शुरू हो गई।