Frequent Urination: बार-बार आ रहा है पेशाब, न हों हैरान, इस बीमारी के हैं ये लक्षण

Frequent Urination: अगर आपको दिनभर में बार-बार पेशाब जाने की आदत हो गई है और यह संख्या सामान्य 7 से 8 बार से ज्यादा है तो उसे हल्के में न लें. यह परेशानी कई बार किसी गंभीर बीमारी का संकेत होती है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि लगातार पेशाब आना अक्सर ओवरहेक्टिक ब्लैडर यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन डायबिटीज या प्रोस्टेट जैसी बीमारियों से जुड़ा हो सकता है.
ओवरएक्टिव ब्लैडर की समस्या | Frequent Urination
यह एक ऐसी समस्या है जिसमें बार-बार और अचानक पेशाब लगती है. कई बार तो मरीज पेशाब रोक भी नहीं पाता. ओवरएक्टिव ब्लैडर से नींद, कामकाज और सामाजिक जीवन पर असर पड़ता है. समय रहते इलाज न कराने पर यह बड़ी समस्या का रूप ले सकती है. डॉक्टर के अनुसार इसके कई कारण हो सकते हैं.
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यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन (Frequent Urination): इसमें पेशाब के साथ जलन और दुर्गंध आती है.
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डायबिटीज (Frequent Urination): शुगर लेवल ज्यादा होने पर किडनी एक्स्ट्रा ग्लूकोस बाहर निकालती है.
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प्रेग्नेंसी (Frequent Urination): गर्भाशय का दबाव ब्लैडर पर डालता है
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किडनी इन्फेक्शन या ब्लैडर स्टोन (Frequent Urination): दोनों ही स्थितियों में बार-बार यूरिन सकता है.
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-कई बार कुछ दावाओं का असर और लगातार स्ट्रेस भी इस समस्या का कारण बनते हैं.
कब डॉक्टर से संपर्क करें? | Frequent Urination
अगर बार-बार पेशाब आने के साथ खून, तेज दर्द, बुखार, पीठ में दर्द या पेशाब रोक पाने में दिक्कत जैसी समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए. यह किडनी और ब्लैडर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है. ओवरएक्टिव ब्लैडर के लिए दवाओं और ब्लैडर ट्रेनिंग एक्सरसाइज की मदद ली जाती है. वहीं यूटीआई और किडनी इन्फेक्शन का इलाज एंटीबायोटिक से किया जाता है. डायबिटीज में शुगर लेवल कंट्रोल करना जरूरी होता है. इसके अलावा प्रोस्टेट की समस्या का इलाज दावों या सर्जरी से होता है. एक्सपर्ट्स का कहना है की समस्या से बचाव के लिए कैफीन और अल्कोहल से दूरी बनाएं पर्याप्त मात्रा में पानी पिए तनाव कम करें और नियमित एक्सरसाइज करें.