Health Tips: हमारी बढ़ती उम्र के साथ स्वस्थ और सक्रिय लाइफस्टाइल बनाए रखने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच (Daily Health Checkup) जरूरी हो जाता है। इन टेस्ट को करने से वरिष्ठ नागरिकों (60 साल) की बीमारियों का जल्दी पता लगाया जा सकता है।
दरअसल, उम्र बढ़ने के बाद हमारा शरीर कमजोर होने लगता है। ऐसे में अपने आप को बीमारियों से बचाने और स्वस्थ रखने के लिए 60 साल की उम्र के बाद कुछ जरूरी टेस्ट करा लेना चाहिए। न्यूबर्ग लेबोरेटरी के प्रबंध निदेशक डॉ. अजय शाह बताते हैं कि बढ़ती उम्र में अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए कुछ टेस्ट हमें जरूर कराने चाहिए।
ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग जरूरी
हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसा खतरा है, जो हृदय रोग, किडनी की समस्याओं और स्ट्रोक का कारण बन सकता है। ऐसे में आपको रक्तचाप की नियमित जांच करनी चाहिए। बढ़ी उम्र के लोगों को डॉक्टर की परामर्श के मुताबिक, अपने ब्लड प्रेशर की मॉनिटरिंग करवानी चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल टेस्ट कराएं
लिपिड प्रोफाइल खून में ट्राइग्लिसराइड्स और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को मापता है। हाई कोलेस्ट्रॉल का स्तर हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है। ऐसे में बड़ाहटी उम्र के लोगों को को डॉक्टर के मुताबिक, कोलेस्ट्रॉल टेस्ट करवाना चाहिए।
डायबिटीज टेस्ट भी जरूरी
बुजुर्ग लोगों में टाइप 2 डायबिटीज आम समस्या है। अनियंत्रित रक्त शर्करा का स्तर हृदय रोग, नर्व डैमेज और ब्लर विज़न जैसी जटिलताओं को जन्म दे सकता है। फास्टिंग शुगर टेस्ट या HbA1c टेस्ट ग्लूकोज के स्तर की निगरानी और डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद करता है। वरिष्ठ नागरिकों को डॉक्टर को दिखाकर यह टेस्ट करवाना चाहिए।
बॉन डेंसिटी टेस्ट
ऑस्टियोपोरोसिस, एक ऐसी स्थिति जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। यह समस्या अधेड़ उम्र के लोगों, खासकर महिलाओं में आम है। बॉन डेंसिटी टेस्ट या DEXA स्कैन, हड्डियों की ताकत को मापता है और फ्रैक्चर के जोखिम का आकलन करता है। यह टेस्ट 65 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को हर दो साल में करवाना चाहिए।
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कैंसर की जांच
नियमित कैंसर जांच आपका जीवन बचा सकती है। वरिष्ठ नागरिकों को स्तन कैंसर के लिए मैमोग्राम, कोलोरेक्टल कैंसर के लिए कोलोनोस्कोपी और प्रोस्टेट कैंसर के लिए प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (PSA) परीक्षण जैसी जाँचों पर विचार करना चाहिए।
थायराइड फंक्शन टेस्ट भी कराएं
थायराइड वजन बढ़ने या मूड में बदलाव का कारण बन सकते हैं। एक रक्त परीक्षण थायराइड हार्मोन के स्तर को माप सकता है और थायराइड से संबंधित समस्याओं को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है।