कोरोना के प्रकोप से अभी तक दुनिया उबर नहीं पाई है, तो वहीं केरल में पिछले 5 महीनों में एक और गंभीर बीमारी ने लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल की शुरुआत से अब तक 1977 लोगों में संक्रमण की पुष्टि की जा चुकी है।
केरल में हेपेटाइटिस-A का संक्रमण काफी तेजी से फैलता जा रहा है। जिसके चलते पिछले 4 महीनों में 12 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इस वायरस की गंभीरता को देखते हुए केरल सरकार ने 4 जिलों (कोझिकोड, मलप्पुरम, त्रिशूर और एर्नाकुलम) को अलर्ट मोड पर रखा है।
हेपेटाइटिस से कौन-सा अंग होता है प्रभावित
हेपेटाइटिस का वायरस सबसे ज्यादा हमारे लिवर को प्रभावित करता है। जिसके चलते शरीर धीरे-धीरे कमजोर होता चला जाता है। वहीं इसके संक्रमण की बात करें तो यह दूषित खाने और पानी से व्यक्ति में फैलता है, जो सीधे हमारे लिवर को प्रभावित करता है। इसके तेजी से फैलते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने अधिकारियों को जमीनी स्तर पर तैयारियां तेज करने को कहा है।
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इन जगहों पर मिले सबसे ज्यादा संक्रमित
केरल के एर्नाकुलम जिले में स्थित एक पंचायत वेंगूर में हेपेटाइटिस-ए का कहर सबसे ज्यादा देखने को मिला है। जहां अप्रैल माह से अभी तक 200 लोगों में हेपेटाइटिस-ए के संक्रमण की पुष्टि की जा चुकी है। जहां 1 व्यक्ति की मौत हो चुकी है और 12 लोग अस्पताल में भर्ती हैं जिसमें से 4 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
राज्य सरकार ने दिए दिशा निर्देश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इससे बचाव के लिए कई तरह के दिशा निर्देश जारी किए हैं। जिसमें पानी का क्लोरीनीकरण का आदेश राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किया गया है। इसके अलावा सभी होटल और रेस्टोरेंट्स को आदेश दिया गया है कि वह अपने ग्राहकों को उबला हुआ पानी ही सर्व करें। जिसे प्रभावी तरीके से लागू कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी रेस्टोरेंट्स का औचक निरीक्षण कर रहे हैं।