केरल राज्य में पिछले कुछ दिनों से वेस्ट नाइल वायरस का मामला सामने आ रहा है। केरल के कई जिलों में इस केस का रिपोर्ट किया गया है। इसे लेकर केरल के स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। इस बीच पड़ोसी राज्य कर्नाटक ने भी चिंता जताई है।
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कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य की सीमा पर, खासकर चामराजनगर जिले के वन गांवों में इस वायरस के प्रति सतर्कता बढ़ा दी है। विभाग यहां के निवासियों को वायरस और इसकी रोकथाम को लेकर शिक्षित कर रहा है और इसके लिए एक व्यापक रूप से अभियान चला रहा है।
वेस्ट नाइल वायरस क्या है?
यह वायरस संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है। इस वायरस से संक्रमित 5 लोगों में से सिर्फ 1 व्यक्ति को बुखार और अन्य लक्षण दिखते हैं। इस वायरस से संक्रमित मरीजों को सिरदर्द के साथ-साथ उल्टी और पूरे शरीर में दर्द जैसा महसूस होता है। कुछ स्थितियों में मरीजों के शरीर पर दाने नजर आते हैं। वायरस से रिकवर लोगों को लंबे समय तक शरीर में थकान बनी रहती है।
यह कैसे फैलता है?
संक्रमित मच्छरों के काटने से यह वेस्ट नाइल वायरस इंसानों में फैल सकता है। यह वायरस कुछ पक्षियों में पाया जाता है, जिसके संपर्क में आने वाले मच्छर इससे संक्रमित हो जाते हैं। इसके बाद मच्छरों के जरिए इंसानों में यह वायरस फैल सकता है। वहीं, कुछ स्थितियों में लैब सेटिंग में एक्सपोजर और मां से बच्चों में भी यह वायरस फैल सकता है।