National Cancer Awareness Day 2024: कैंसर की वजह से दुनियाभर में हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। इनमें से कई कैंसर ऐसे हैं, जिन्हें रोका जा सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि इसके लिए कम उम्र से ही निरंतर कोशिश करते रहने की जरूरत होती है। जिन लोगों के परिवार में पहले से किसी को कैंसर रहा है, उन्हें और भी अलर्ट रहना चाहिए। भारत में कैंसर की रोकथाम, शुरुआती पहचान और इलाज के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 7 नवंबर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस (National Cancer Awareness Day) मनाता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साल 2014 में इसकी शुरुआत की थी। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि हमारी दिनचर्या और खानपान की कई ऐसी गड़बड़ आदतें हैं, जो कैंसर (Cancer) के खतरे को बढ़ाती जा रही हैं। अगर इस बारे में सभी लोगों को जागरूक कर दिया जाए तो कैंसर से बचाव आसान हो सकता है।

कैंसर का खतरा (Cancer Danger)
कैंसर रोग विशेषज्ञ कहते हैं कि हम अगर अपनी लाइफस्टाइल को ही ठीक कर लें तो भी कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। कुछ स्टडी बताती हैं कि उम्र बढ़ने के साथ कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है, हालांकि कम उम्र वाले यहां तक कि बच्चे भी इसका शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा जीवनशैली के कारक जैसे धूम्रपान, अधिक वजन, आहार में गड़बड़ी, शारीरिक निष्क्रियता के कारण भी जोखिम बढ़ सकता है।
धूम्रपान को कैंसर का प्रमुख कारण माना जाता है और ये फेफड़ों के कैंसर से होने वाली 80-90% मौतों के लिए जिम्मेदार है। तम्बाकू के धुएं में कार्सिनोजेन्स होते हैं, जो कोशिकाओं में डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे उत्परिवर्तन और अनियंत्रित कोशिका वृद्धि हो सकती है। इसी तरह से शराब के ज्यादा या नियमित सेवन से कुछ प्रकार के कैंसर के विकसित होने का जोखिम बढ़ जाता है, जिसमें लिवर, एसोफैगल और कोलोरेक्टल कैंसर शामिल हैं।
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आहार में गड़बड़ी
कुछ प्रकार के आहार को भी कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाला पाया गया है। विशेषतौर पर रेड और प्रोसेस्ड मीट खाने से कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। इन मांस में नाइट्रेट और नाइट्राइट जैसे कार्सिनोजेनिक यौगिक होते हैं, जो आंत की परत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। कुछ अध्ययनों ने उच्च वसा वाले आहार को भी हानिकारक बताया गया है। इसी तरह से अधिक चीनी वाले आहार से शरीर में सूजन बढ़ सकती है, जो कैंसर सहित कई बीमारियों को बढ़ावा दे सकती है।

शारीरिक निष्क्रियता से बचें
व्यायाम करना शरीर को स्वस्थ और फिट बनाए रखने के लिए सबसे जरूरी है। व्यायाम न करने या शारीरिक रूप से निष्क्रियता के शिकार लोगों में भी कैंसर का जोखिम बढ़ते हुए देखा जा रहा है। शारीरिक निष्क्रियता वजन बढ़ाने वाली हो सकती है। अध्ययनों में अधिक वजन या मोटापा को कैंसर के जोखिम के लिए जिम्मेदार माना गया है।