अगर आप पैकेटबंद बेक्ड सामान, स्नैक्स, फ्ऱीज़ी ड्रिंक्स, सुगरी चीजें और रेडी-टू-ईट खाना पसंद करते हैं, तो सावधान हो जाइए. इनसे आपकी उम्र कम हो सकती है और जल्दी मौत का खतरा भी बढ़ सकता है. ये चौंकाने वाला खुलासा हाल ही में हुए एक 30 साल लंबे अध्ययन में हुआ है. ये अध्ययन जर्नल द बीएमजे में प्रकाशित हुआ है.
अध्ययन के मुताबिक पैकेटबंद खाने में अक्सर रंग, इमल्सीफायर, फ्लेवर और दूसरे केमिकल मिलाए जाते हैं. साथ ही, इनमें आमतौर पर बहुत ज्यादा कैलोरी, चीनी, फैट और नमक होता है, जबकि फाइबर और विटामिन कम होते हैं. इससे सेहत खराब होती है. इसके अलावा मोटापा, डायबिटीज़ और ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है, जो आगे चलकर दिल की बीमारी और कैंसर का खतरा भी बढ़ा सकते हैं.
अध्ययन में अमेरिका, ब्राज़ील और चीन के शोधकर्ताओं ने मिलकर काम किया. उन्होंने 1984 से 2018 के बीच अमेरिका के 11 राज्यों की 74,563 महिला नर्सों और 1986 से 2018 के बीच अमेरिका के सभी 50 राज्यों के 39,501 पुरुष हेल्थ प्रोफेशनल्स की सेहत पर नजर रखी. इनमें से किसी को भी पहले कैंसर, दिल की बीमारी या डायबिटीज़ नहीं थी.
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अध्ययन में पता चला कि जो लोग रोज़ औसतन 7 पैकेटबंद खाने का सेवन करते थे, उनमें सब तरह से मरने का खतरा 4% ज्यादा था और दूसरी वजहों से मरने का खतरा 9% ज्यादा था. इसमें दिमाग से जुड़ी बीमारियों से मरने का खतरा भी 8% ज्यादा पाया गया. रोज़ाना खाने वाले 100,000 लोगों में से 1536 लोगों की मौत किसी भी कारण से हो सकती है.
अध्ययन में ये भी पाया गया कि मीट, चिकन, और मछली से बने रेडी-टू-ईट खाने से सबसे ज्यादा खतरा होता है. इसके बाद फ्ऱीज़ी ड्रिंक्स, डेयरी से बनी मिठाइयां और पैकेटबंद ब्रेकफास्ट फूड आते हैं.
हालांकि ये सिर्फ एक ऑब्जर्वेशनल स्टडी है, यानी इससे ये साबित नहीं होता कि पैकेटबंद खाना ही बीमारी की वजह है. फिर भी रिसर्च करने वालों का कहना है कि इससे ये पता चलता है कि अच्छी सेहत के लिए कुछ खास तरह के पैकेटबंद खाने कम खाने चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि आगे और अध्ययन किए जाने चाहिए ताकि पैकेटबंद खाने को बेहतर तरीके से पहचाना जा सके और इन नतीजों को दूसरे देशों में भी जांचा जा सके.