भारत के कई राज्यों से हीट वेव के कारण गंभीर बीमारी और मौत की खबरें सामने आ रही हैं. हीट वेव ऐसे तो सभी के लिए खतरनाक है पर बुजुर्ग, बच्चे, पहले से बीमार लोग और प्रेगनेंट महिलाओं के लिए ये अधिक घातक साबित हो सकता है. आरोग्य इंडिया के इस लेख में आज हम आपको बतायेंगे कि हीट वेव से प्रेगनेंट महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे को क्या रिस्क होता है? क्या हैं ओवर हीटिंग के लक्षण? प्रेगनेंट महिला ओवर हीटिंग से बचने के लिए क्या करें? गर्भवती महिला को हीट वेव से जुड़े किन इमरजेंसी संकेतों पर ध्यान देना चाहिए? हीट वेव में अच्छी नींद के लिए प्रेगनेंट महिला क्या करे?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हीट वेव गर्भवती महिला और उनके गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए रिस्की हो सकता है. पानी की कमी (डिहाइड्रेशन), गर्मी के कारण थकावट (हीट एग्ज़ॉस्शन) और हीट स्ट्रोक की शिकार बन सकती हैं. लंबे समय तक अधिक तापमान में रहने से पहले से मौजूद दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं जैसे हाइपरटेंशन और जेस्टेशनल डायबिटीज की समस्याएं भी बढ़ सकती हैं, जो प्रेगनेंसी को और रिस्की बनाती हैं.
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क्या हैं ओवर हीटिंग के लक्षण?
- बहुत अधिक पसीना आना
- चक्कर आना
- मितली
- सिरदर्द
- हार्ट रेट तेज होना
- बेहोशी
ओवर हीटिंग से बचने के लिए क्या करें?
ओवरहीटिंग से बचने के लिए जल्द से जल्द किसी ठंडी जगह पर जाएं, आराम करें और तुरंत खुद को हाइड्रेट करें. ठंडी गीली पट्टी लगाने और नहाने से भी शरीर का तापमान कम करने में मदद मिलती है. इसके बावजूद लक्षण बने रहें या बिगड़ने लगें, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है ताकि हीट स्ट्रोक की वजह से कोई गंभीर जटिलता पैदा न हो.