Stress and Tension: शरीर को भी होता है स्ट्रेस और टेंशन से ये बड़ा नुकसान

Stress and Tension: आज की तेज रफ्तार जिंदगी में लगभग हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में तनाव का सामना करता है. ऑफिस का दबाव, रिश्तों की जटिलताएं, आर्थिक चिंता या सोशल मीडिया पर परफेक्ट दिखने का दबाव सब हमारे दिमाग पर भारी पड़ते हैं जो धीरे-धीरे आपको शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से बीमार कर देता है. तनाव सिर्फ मानसिक परेशानी ही नहीं है, यह धीरे-धीरे शरीर की गंभीर बीमारियों की जड़ बन सकता है. लंबे समय तक लगातार तनाव हमारे डीएनए को भी नुकसान पहुंचा सकता है. तनाव टेलोमेयर को छोटा कर देता है, जो हमारे क्रोमोसोम्स की सुरक्षा करते हैं. छोटे टेलोमेयर से बुढ़ापा जल्दी आता है और दिल की बीमारी, कैंसर जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है.
तनाव से शरीर पर होता है नुकसान | Stress and Tension
तनाव हमारी याददाश्त पर भी असर डालता है. तनाव के दौरान शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन बढ़ता है, जो मस्तिष्क के हिप्पोकैम्पस हिस्से को नुकसान पहुंचा सकता है. इसके चलते कुछ लोगों में अस्थायी भूलने की बीमारी या ट्रांसिएंट एम्नेशिया जैसी स्थिति भी बन सकती है. साथ ही तनाव बालों को समय से पहले सफेद कर सकता है. मेलेनिन बनाने वाली कोशिकाओं को नुकसान पहुंचने पर बाल जल्दी सफेद हो जाते हैं, जिसे मैरी एंटोनेट सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है.
हार्ट पर पड़ता है असर | Stress and Tension
अत्यधिक भावनात्मक तनाव हृदय को भी प्रभावित कर सकता है. ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम में हृदय का बायां हिस्सा बैलून की तरह फूल जाता है. हालांकि यह अक्सर इलाज से ठीक हो जाता है, लेकिन गंभीर मामलों में जानलेवा भी हो सकता है. तनाव बुखार भी ला सकता है, जिसमें शरीर का तापमान 99-104 डिग्री फारेनहाइट तक बढ़ जाता है बिना किसी संक्रमण के. तनाव हमारे टेस्ट बड्स को भी प्रभावित करता है, जिससे खाना बेस्वाद, कड़वा या बहुत तीखा लग सकता है और कुछ लोगों को मेटेलिक टेस्ट भी महसूस होता है.
स्लीप पैरालिसिस का हो सकते हैं शिकार | Stress and Tension
तनाव आंतों के माइक्रोबायोम को भी प्रभावित करता है. अच्छे बैक्टीरिया की कमी से पाचन बिगड़ता है और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है. साथ ही कुछ लोग तनाव के चलते स्लीप पैरालिसिस का शिकार हो जाते हैं, जिसमें नींद में जागने पर शरीर हिल नहीं पाता और हैलुसिनेशन भी हो सकती है. लंबे समय तक तनाव मस्तिष्क में फॉल्स मेमोरी सिंड्रोम भी पैदा कर सकता है, जिससे व्यक्ति ऐसी बातें सच मानने लगता है जो वास्तव में घटी ही नहीं.