देश के तमाम राज्यों में गर्मी का मौसम सिर चढ़ कर बोल रहा है. किसी के लिए भी गर्मी को झेलना आसान नहीं होता है और बच्चों के लिए तो गर्मियों का मौसम कुछ ज्यादा ही मुश्किल साबित होता है. गर्म और ठंड दोनों ही मौसम में बच्चों का ख्याल रखना काफी कठिन हो जाता है. वहीं गर्मियों के दौरान बच्चों की देखभाल करना तो और चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
अप्रैल शुरू नहीं हुआ है और गर्मी ने अभी से कहर बरपाना शुरू कर दिया है. ऐसे में बड़ों के साथ-साथ बच्चों का भी खास ख्याल रखने की बेहद जरूरत है. भीषण गर्मी से बच्चों को बचाना पैरेंट्स के लिए काफी मुश्किल टास्क होता है. दरअसल, बच्चे शारीरिक रूप से काफी नाजुक होते हैं. जिसके चलते इस मौसम की चिलचिलाती धूप और जानलेवा लू उनकी सेहत के साथ-साथ उनकी नाजुक त्वचा को भी प्रभावित कर सकती है.
गर्मी अचानक से अत्यधिक बढ़ गई है जिससे बच्चे बीमार हो रहे हैं. दस्त की परेशानी सबसे ज्यादा होने से मासूमों की जान पर आफत है. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप गर्मियों के दौरान अपने बच्चे की देखभाल कर सकते हैं. एक्सपर्ट के रूप में आरोग्य इंडिया के साथ जानकारी साझा कर रही हैं डॉ सुषमा निशांत उपाध्याय. आपको बता दें, डॉ सुषमा लखनऊ की जानी मानी शिशु रोग विशेषज्ञ हैं. डॉ सुषमा से आज जानेंगे कि आखिर गर्मी के इस सीजन में बच्चों का ख्याल कैसे रखा जाये.
आरोग्य इंडिया से जानकारी साझा करते हुए डॉ सुषमा बताती हैं कि गर्मी के मौसम में बच्चों को यदि आप बाहर ले जा रही हैं तो बच्चे के सिर पर टोपी लगाकर ही बाहर ले जायें. बाहर निकलने से पहले उन्हें ठीक से हाइड्रेट करके ले जायें. ध्यान रहे, सर्दियों में जितना पानी पिलाते थे, तो गर्मी में पानी की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए. 4 साल तक के बच्चों को सवा लीटर तक पानी देना चाहिए. हाइड्रेशन के लिए हमें सादा पानी, नींबू पानी या छाछ पिलाना चाहिए. हाइड्रेशन के लिए जूस का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए. खासकर जिनमें चीनी की मात्रा अधिक हो, और ठंडी कॉफी भी बच्चों को नहीं देना चाहिए.
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
- इसके अलावा अपने बच्चे को ढीले, आरामदायक कपड़े पहनाएं, टाइट-फिटिंग कपड़े या सिंथेटिक कपड़े से बचें.
- अपने बच्चे को धूप से बचाएं, खासकर सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच, जब सूरज की किरणें सबसे तेज होती हैं.
- ओवरहीटिंग के संकेतों पर ध्यान दें, डिहाइड्रेशन के लक्षणों पर ध्यान दें.
- भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें.
- पीक आवर्स के दौरान अपने बच्चे को भीड़-भाड़ वाली जगहों या सार्वजनिक परिवहन में ले जाने से बचें क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है.