फैमिली प्लानिंग या अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए जिन तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है, उसे गर्भनिरोधक कहा जाता है. फैमिली प्लानिंग के लिए गर्भनिरोधक एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है।
आमतौर पर कॉन्ट्रासेप्शन 4 प्रकार का होता है. पहला बैरियर कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड है. इसमें प्रेग्नेंसी से बचने के लिए मेल और फीमेल कॉन्डोम इस्तेमाल किए जाते हैं।
दूसरा मेथड मेडिसिनल कॉन्ट्रासेप्शन होता है, जिसमें गर्भ को रोकने के लिए पिल्स का यूज किया जाता है. इस मेथड को हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव भी कहते हैं।
तीसरा मेथड इंट्रायूटरिन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस है. इसमें महिलाओं के यूटेरस के अंदर कुछ प्रोडक्ट डाले जाते हैं. चौथा मेथड सर्जिकल कॉन्ट्रासेप्शन होता है, जिसमें सर्जरी के जरिए पुरुष और महिलाओं की नसबंदी कर दी जाती है।
जाने कौन सी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स लेना उचित
तमाम लोग अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए बाजार में मिलने वाली कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन ऐसा करना खतरनाक हो सकता है. बाजार में बिकने वाली ज्यादातर गर्भनिरोधक गोलियां इमरजेंसी पिल्स होती हैं, जिनके गंभीर साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स दो तरह की होती हैं. एक नॉर्मल और दूसरी इमरजेंसी पिल्स. प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए नॉर्मल पिल्स को लगातार 21 दिनों तक लेना पड़ता है, लेकिन इनसे गंभीर खतरे पैदा नहीं होते हैं।
सबसे सुरक्षित गर्भनिरोधक तरीका कौन सा है?
गायनेकोलॉजिस्ट की मानें तो बैरियर कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड सबसे सुरक्षित गर्भनिरोधक होता है, जिसमें मेल या फीमेल कॉन्डोम इस्तेमाल करते हैं. इस मेथड में किसी भी तरह का साइड इफेक्ट नहीं देखने को मिलता है।
अगर कभी-कभार संबंध बनाते समय कॉन्डोम फट जाए, तब डॉक्टर की सलाह पर नॉर्मल गर्भनिरोधक गोलियां ली जा सकती हैं. इसके अलावा डॉक्टर की सलाह पर कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स को भी सुरक्षित माना जा सकता है. बाकी मेथड का इस्तेमाल मेडिकल कंडीशंस के अनुसार किया जा सकता है।