दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार ‘खराब श्रेणी’ में बना हुआ है। हेल्थ एक्सपर्ट इसे सेहत के लिए कई प्रकार से चुनौतीपूर्ण मान रहे हैं। दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार 300 से ज्यादा बना हुआ है। विशेषज्ञ कहते हैं कि दीपावली के बाद एक्यूआई के और भी खराब होने की आशंका जताई जा रही है। इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी लोगों से खराब हवा के संपर्क में आने से बचने और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने को कहा है। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रयास करते रहना जरूरी है।
कई शहरों में वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के मद्देनजर सरकार ने सभी राज्यों से इस खतरे से निपटने के लिए अपनी तैयारियों को बढ़ाने और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने का आग्रह किया है। त्योहारों के मौसम और सर्दियों की शुरुआत में वायु प्रदूषण के कारण कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा काफी बढ़ जाता है। प्रदूषण से बचे रहना सभी लोगों की सेहत को ठीक रखने के लिए बहुत जरूरी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी लोगों से सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने और अत्यधिक भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों से बचने का भी आग्रह किया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने की अपील
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) डॉ. अतुल गोयल ने पराली और कचरा न जलाने, त्योहारों के दौरान पटाखे का इस्तेमाल कम करने, सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने और डीजल-आधारित जनरेटर का इस्तेमाल कम करने की अपील की है। ये सभी प्रदूषण को बढ़ावा देने वाले कारक माने जाते हैं, जिनका उपयोग कम करके प्रदूषण के स्तर को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
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क्या कहते हैं Expert?
डॉक्टर अतुल ने कहा, बढ़ते वायु प्रदूषण के जोखिमों को देखते हुए सभी लोगों को सलाह दी जाती है कि घर से बाहर निकलते समय प्रदूषण के स्तर की जांच जरूर कर लें। वायु प्रदूषण गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इसके कारण श्वसन, हृदय और मस्तिष्कवाहिकीय प्रणालियों से संबंधित कई तरह की दिक्कतों का खतरा रहता है। इतना ही नहीं वायु प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण दीर्घकालिक बीमारियां और इससे मृत्यु का भी जोखिम हो सकता है। इसके प्रतिकूल प्रभाव विशेष रूप से कमजोर आयु वर्ग वाले लोग जैसे कि बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों में अधिक देखी जाती रही है। ऐसे लोगों को विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।