स्वास्थ्य और बीमारियां

90% महिलाओं को शिकार बना सकती हैं ये घातक बीमारियां, बचाव के लिए जानना जरूरी 

इस मौसम में धूप के साथ हल्की सर्द हवा में दौड़ लगाने में अक्‍सर मजा आता है। धूप में वर्कआउट और फिजिकल एक्टिविटी करना जरूरी है, क्‍योंकि धूप किसी टॉनिक से कम नहीं है। ज्यादा नहीं तो सुबह-सुबह बस 10-15 मिनट धूप में रहने से मूड बदल जाता है और मॉर्निंग सिकनेस की परेशानी तुरंत दूर होती है। ऐसी कई स्टडीज हैं, जो बताती हैं कि बॉडी क्लॉक धूप से अपने आप को सिंक्रोनाइज कर लेती है। धूप लेने से जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों की परेशानी, टाइप टू डायबिटीज के खतरे कम होते हैं। धूप लेने से बीपी और वजन भी कंट्रोल रहता है क्योंकि सुबह की रौशनी से विटामिन डी मिलता है। वहीं, जब आप ज्यादातर बंद कमरों में रहते हैं तो कई बीमारियां भी ट्रिगर करती हैं।

सूर्य की रोशनी सेहत के लिए वरदान है। विटामिन डी (Vitamin D) का सोर्स होने के साथ ये अनगिनत फायदे देती है और ये कम से कम अपने देश में तो हर जगह, हर मौसम में बिल्कुल फ्री मिलती है। मगर, इसके बाद भी देश के 80% लोगों में इस न्यूट्रिशन की भारी कमी है। देश की 90% महिलाओं में विटामिन डी की कमी है। इस बात को जानता-समझता तो हर कोई है लेकिन दिक्कत ये है कि सुबह-सुबह लोगों के पास धूप में बैठने का वक्त ही नहीं है और विटामिन डी का खाने-पीने से मिलने वाला जो मेन सोर्स है, वो भी अधितकतर नॉनवेज ही है। ऐसे में जो शाकाहारी हैं, वो ऐसा क्या खाएं कि विटामिन डी की कमी न हो।

विटामिन-डी की कमी से दिक्‍कतें

जानलेवा बीमारी से मौत का खतरा- 25% ज्यादा

जोड़ों में दर्द

कैंसर का डर

तेजी से वेट लॉस

विटामिन-बी12 की कमी का कारण

रेड ब्लड सेल्स में कमी

ऑर्गन्स में ऑक्सीजन सप्लाई कम

बैकपेन

इर्रेगुलर हार्टबीट

चिड़चिड़ापन

किस पोषक तत्‍व की कमी से होती है कौन सी दिक्‍कत?

विटामिन ए- आंखों के रोग, बच्चों की ग्रोथ कम

कैल्शियम- हड्डी, दांत के रोग

विटामिन बी12- न्यूरो प्रॉब्लम, याददाश्त कमजोर

आयरन- एनीमिया

विटामिन डी- डिप्रेशन, थकान।

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