किसी भी महिला के लिए गर्भावस्था (Pregnancy) सबसे खास पल होता है। हालांकि, कई बार कई वजहों के कारण मिसकैरेज हो जाता है, जिससे उनका मां बनने का सपना अधूरा रह जाता है। मिसकैरेज (Miscarriage) की वजह से भारत में लगभग 10% महिलाएं मां नहीं बन पाती हैं। दुनिया में हर 10 में से एक प्रेगनेंट महिला मिसकैरेज के दर्द से गुजर रही है। ‘लैंसेट’ की रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल दुनिया में 2.3 करोड़ महिलाओं का मिसकैरेज (Miscarriage) होता है। कई महिलाओं को तो बार-बार इस दर्द को झेलना पड़ता है।
मिसकैरेज का प्रमुख कारण (Main Reason of Miscarriage)
गाइनेकोलॉजिस्ट्स के मुताबिक, प्रेगनेंसी (Pregnancy) की पहली तिमाही में मिसकैरेज की सबसे बड़े कारण भ्रूण के क्रोमोसोम में गड़बड़ी, डायबिटीज, थायरॉइड, मोटापा और PCOD है। नशे की लत भी इसका कारण हो सकता है। इसकी वजहें इंफेक्शन, प्लेसेंटा और सर्विक्स से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, इसकी तीन प्रमुख वजहें हो सकती हैं…
भ्रूण में गड़बड़ी
डॉक्टर्स के मुताबिक, मिसकैरेज की प्रमुख तौर पर तीन वजहें होती हैं. भ्रूण में गड़बड़ी, मां को हेल्थ प्रॉब्लम्स और आसपास का पर्यावरण। भ्रूण (Fetus) में क्रोमोसोम से जुड़ी किसी तरह की गड़बड़ी होने पर गर्भपात का खतरा ज्यादा रहता है।
मां को हेल्थ प्रॉब्लम्स
अगर महिला को हॉर्मोंस इम्बैलेंस, थायरॉइड, डायबिटीज जैसी समस्याए हैं तो मिसकैरेज का खतरा रहता है। प्रेगनेंट महिला को टोक्सोप्लाज्मा, रूबेला, साइटोमेगालोवायरस या हर्पीज के इंफेक्शन से गर्भ गिरने का खतरा ज्यादा होता है। गर्भाशय के टी-शेप होने, सर्विक्स कमजोर होने, फाइब्रॉइड, दिल और किडनी से जुड़ी बीमारी, खून के थक्के जमाने वाली बीमारियां भी गर्भपात का कारण बनती हैं।
पर्यावरणीय कारण
कुछ दवाइयों की वजह से भी मिसकैरेज हो सकता है। इसके अलावा पॉल्यूशन, जहरील गैसों और मर्करी जैसे घातक तत्वों के संपर्क में आने और नशे की लत की वजह से मिसकैरेज का खतरा बढ़ जाता है।
मिसकैरेज के लिए ये कारण भी जिम्मेदार
- तनाव
- अपर्याप्त पोषण
- ज्यादा उम्र
- पहले मिसकैरेज हुआ है तो खतरा बढ़ता है
- जेनेटिक समस्याएं।