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भूख लगने पर क्यों नहीं चलता दिमाग, क्‍या आपको पता है इसका जवाब?, यहां जानिए

हमने अक्‍सर लोगों को कहते सुना होगा कि भूख के कारण उनका दिमाग काम नहीं कर रहा है। जब भी हमें भूख लगती है तो हमारा दिमाग ही काम करना बंद कर देता है। मगर, क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? आखिर दिमाग और भूख का क्या कनेक्शन है? नहीं, तो आज हम आपको बताएंगे कि दिमाग और भूख का क्‍या कनेक्‍शन होता है और भूख लगी होने पर दिमाग क्‍यों काम नहीं करता है…

स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों के मुताबिक, खाली पेट हमारे दिमाग की वायरिंग डिस्टर्ब होती है, जिससे उसकी सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित हो जाती है। ब्रेन की री–वायरिंग को न्यूरोप्लास्टिसिटी (Neuroplasticity) भी कहा जाता है, जो खाने से फंक्शन करती है। यही वजह है कि जब बहुत ज्यादा भूख लग जाती है तो स्ट्रेस और डिप्रेशन बढ़ जाता है।

खाली पेट रहने से क्या होता है?

जब हमें भूख लगती है तो ब्लड में गट हार्मोन घ्रेलिन बढ़ जाती है, जिसका सीधा असर दिमाग पर पड़ता है। ऐसे में कुछ भी खा लेने से यह सामान्य हो जाता है। खाली पेट रहने से ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) बढ़ने का खतरा रहता है, जो सुस्ती और थकान को बढ़ा सकता है। खाली पेट स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल भी बढ़ जाती है, जिससे स्ट्रेस होने लगता है और दिमाग काम करना बंद कर देता है।

भूख का दिमाग से क्या कनेक्शन? (Connection between Hunger and Brain)

एक रिसर्च में पाया गया है कि दिमाग का वो हिस्सा जो फैसले लेता है, वो गट में मौजूद हंगर हार्मोन पर निर्भर होता है। जब हंगर हार्मोन घ्रेलिन ब्लड ब्रेन बैरियर से ज्यादा हो जाता है तो ब्रेकन की एक्टिविटीज सीधे तौर पर प्रभावित होती है। शरीर में बनने वाला करीब 50% डोपामिन और 95% सेरोटोनिन गट में ही बनता है। डोपामिन एक तरह का न्यूरोट्रांसमीटर है, जो किसी तरह की संतुष्टि जैसे खाने या नींद पूरी होने पर खुशी महसूस कराता है।

भूख लगने पर दिमाग क्यों नहीं चलता? (Why doesn’t the brain work when you are hungry?)

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सेरोटोनिन मूड को बनाने-बिगाड़ने, नींद और मेमोरी को प्रभावित करता है। जब हम खाली पेट होते हैं तो न सेरोटोनिन बन पाता है और ना ही डोपामिन। इनकी बजाय कोर्टिसोल बनने लगता है, जिससे शरीर स्ट्रेस में आने लगता है और मूड खराब हो जाता है। ब्रेन से सीधे पेट और कोलन तक जाने वाली वेगस नर्व गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के सिग्नल दिमाग तक ले जाती है। भूख लगने पर स्ट्रेस का रिस्पॉन्स भेजती है, जिससे दिमाग  ठीक तरह से काम नहीं कर पाता है। यही वजह है कि जब किसी चीज को लेकर घबराहट होती है या नर्वस होने पर पेट में दर्द होने लगता है।

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