क्या आपको पेट के दाहिने हिस्से में दर्द होता है? पेट के दाहिनी तरफ दर्द आमतौर पर गंभीर नहीं होता है। यह आंतों में निर्मित गैस के कारण हो सकता है। लेकिन अगर दर्द तेज, लंबे समय तक होता है, तो यह कुछ बीमारियों का संकेत हो सकता है।
लंबे समय तक पेट के दाहिने हिस्से में दर्द अपेंडिसाइटिस या पित्ताशय की पथरी के कारण हो सकता है। इसलिए इस लक्षण को सामान्य समझकर बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें।
पेट के दाहिने साइड दर्द होने के कारण
पित्ताशय की पथरी
पेट के दाहिने साइड दर्द होना पित्ताशय की पथरी का संकेत हो सकता है। यह दर्द पेट के ऊपरी तरफ से शुरू हो सकता है। पित्ताशय की पथरी के कारण होने वाला दर्द कुछ मिनट से लेकर घंटों तक हो सकता है।
कई बार यह दर्द पेट के बाईं तरफ और पीठ पर भी महसूस होने लगता है। भूख की कमी, थकान, उल्टी, बुखार और त्वचा में पीलापन पित्ताशय की पथरी के लक्षण हो सकते हैं।
अपेंडिसाइटिस
अपेंडिसाइटिस पेट में दाहिने साइड दर्द होने का एक मुख्य कारण होता है। अपेंडिसाइटिस में दर्द नाभि से शुरू होता है। इस स्थिति में 6 घंटे के बाद दर्द काफी बढ़ सकता है।
जब आंतों में इंफेक्शन, कब्ज और खराब बैक्टीरिया बढ़ने के कारण अपेंडिक्स में सूजन आ जाती है, इसे ही अपेंडिसाइटिस कहा जाता है। भूख न लगना, थकान, कमजोरी, डायरिया, कब्ज और पेट के बाईं हिस्से में दर्द होना भी अपेंडिसाइटिस के लक्षण होते हैं।
एसिडिटी और जलन
कई बार पेट के दाहिने हिस्से में दर्द सामान्य भी हो सकता है। यानी पेट में एसिडिटी, गैस बनना भी दाहिने साइड दर्द होने का कारण हो सकता है। यह समस्या बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी उम्र के लोगों को हो सकती है।
आमतौर पर इस प्रकार का दर्द तेज होता है और ऐंठन जैसा महसूस होता है। यह दर्द आमतौर पर भोजन के बाद महसूस होता है। गर्भावस्था में भी यह दर्द आम है। भूख न लगना, पेट में भारीपन का अहसास, डकार या पेट फूलना और पेट भरा हुआ महसूस होना गैस या एसिडिटी के लक्षण हो सकते हैं।
मांसपेशियों में खिंचाव
कई बार अत्यधिक कसरत करने के कारण पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आ जाता है। यह स्थिति भी पेट के दाहिने साइड दर्द का कारण बन सकती है। इससे बचने के लिए आपको अपनी क्षमतानुसार ही एक्सरसाइज करनी चाहिए। हैवी वर्कआउट करने से बचना चाहिए।
पेट के दाहिने साइड के दर्द से बचने के उपाय
- पेट दर्द से बचने के लिए हेल्दी डाइट लें।
- फास्ट फूड, जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें। इससे आंतों को नुकसान पहुंचता है, जो पेट दर्द का कारण बन सकता है।
- खाना खाने के तुंरत बाद लेट नहीं। बल्कि वॉक करें, इससे खाना पचाने में आसानी होती है। आंतों पर भी कम जोर पड़ता है। खाना खाने के बाद वॉक करने से गैस और एसिडिटी भी नहीं बनती है।
- कब्ज से बचें। इसके लिए लिक्विड डाइट लें और फलों-सब्जियों को अपनी डाइट में अधिक मात्रा में शामिल करें।
- पेट में दर्द इंफेक्शन की वजह से भी हो सकता है, इसलिए इससे बचने स्वच्छ भोजन खाएं। खाना खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह से साफ करें।