हार्ट डिजीज कम उम्र के लोगों में भी काफी अधिक बढ़ता जा रहा है. खासकर, हार्ट अटैक के कारण पिछले तीन-चार सालों में मौत होने की संख्या में इजाफा हुआ है. कई बार हम जो खाते-पीते हैं, उसका सीधा संबंध दिल से होता है।
ऐसे में दिल की बीमारियों के होने या उससे बचाव में पोषण काफी अहम भूमिका निभाता है. कई अध्ययनों में भी अनहेल्दी डाइट, खराब पोषण और दिल की बीमारियों के होने का सीधा संबंध देखा गया है।
वहीं, दूसरी ओर हेल्दी खानपान दिल की बीमारियों से बचाव तथा नियंत्रण से जुड़ा है. हाई सैचुरेटेड फैट वाले भोजन हार्ट को बीमार करते हैं. इनके सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल भी बढ़ता है. वहीं, दूसरी तरफ लो सैचुरेटेड फैट, हाई फाइबर पौधों पर आधारित खाद्य पदार्थ दिल की बीमारियों के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
हार्ट को हेल्दी रखने के लिए पौष्टिक तत्वों का सेवन है जरूरी
डॉ. राजेश्वरी वी शेट्टी कंसलटेंट-हेड ऑफ डिपार्टमेंट, डायटेटिक्स, एसएल रहेजा हॉस्पिटल, माहिम, मुंबई का कहना है कि हार्ट को स्वस्थ रखने के लिए पौषक तत्वों से भरपूर सब्जियां, फल, बीन्स, दालें, मसाले, नट्स और कई प्रकार के साबुत अनाज का सेवन बेहद जरूरी है, क्योंकि ये पोषणयुक्त खाद्य पदार्थ दिल को सेहतमंद बनाए रखते हैं. हेल्दी हार्ट के लिए डाइट में कोई खास चीज शामिल करने की कोई जरूरत नहीं. बस, सेहतमंद भोजन ही लोगों में हृदय संबंधित रोगों की आशंका को काफी कम कर देता है. जो लोग नियमित रूप से दिल के लिए हेल्दी डाइट लेते हैं, उनमें कार्डियोवैस्कुलर समस्याओं का खतरा काफी कम हो जाता है।
एशियाई भारतीय भोजन में भी अत्यधिक रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ होते हैं, जैसे चावल, मैदा, अनहेल्दी फैट्स जैसे घी, वनस्पति और कोकोनट मिल्क. वहीं, इसमें शक्कर युक्त ड्रिंक्स, मिठाइयां, तली-भुनी चीजें और नमक भी शामिल हैं. इस तरह के खाद्य पदार्थ अक्सर हाई ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, ट्राइग्लिसराइड और कोलेस्ट्रॉल जैसे दिल के रोगों का जोखिम बढ़ा देते हैं।
प्लांट बेस्ड फूड्स का सेवन हार्ट के लिए है हेल्दी
भविष्य में भी दिल से जुड़ी समस्याओं से बचाव के लिए पौधों से प्राप्त होने वाले प्रोटीन के साथ साबुत अनाज लेने पर जोर देना चाहिए. रेगुलर दालें, काबुली चना, राजमा जैसी फलियों का सेवन करें. इसके अलावा, आप रंग-बिरंगे फल, सब्जियों का सेवन भी करें.
हेल्दी हार्ट के लिए करें ये काम
खाना बनाने के दौरान फैटी एसिड युक्त एसेंशियल ऑयल का चुनाव करने के साथ-साथ नमक का इस्तेमाल सीमित मात्रा में करना भी जरूरी होता है. इसके साथ ही, दिल के लिए सेहतमंद मसाले जैसे हल्दी, धनिया, जीरा और दालचीनी को भी शामिल किया जा सकता है. ये मसालेए क्रॉनिक सूजन को भी कम करने में मददगार हो सकते हैं. कई ऐसे कारण हैं, जो दिल के रोगों को बढ़ाने या कम करने का काम कर सकते हैं।
हेल्दी डाइट के जरिए कई तरह के रोगों से बचा जा सकता है, खासकर कम उम्र में. हार्ट डिजीज के जोखिम के कई कारकों को नियंत्रित कर सकते हैं, इसके लिए आप शारीरिक रूप से एक्टिव रहें, सेहतमंद डाइट लें, धूम्रपान ना करें, बेहतर नींद लें और नियंत्रित मात्रा में शराब का सेवन करें. इन आदतों को जीवनशैली में शामिल कर लें तो हृदय संबंधित रोगों के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।