गर्मियां शुरू होते ही कई तरह की बीमारियां फैलने लगती हैं। इन दिनों केरल में वेस्ट नाइल फीवर का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। आपको बता दें कि यह बुखार संक्रमित मच्छर के काटने से लोगों में फैलता है। केरल में कई लोग इससे संक्रमित पाए जा चुके हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोझिकोड, त्रिशूर और मलप्पुरम जिलों में इसके मामले सामने आए हैं। ऐसे में इसको लेकर राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को बुखार के लक्षण दिखने पर जांच करने को कहा है।
कैसे फैलता है वेस्ट नाइल फीवर?
वेस्ट नाइल फीवर, वेस्ट नाइल वायरस के कारण होता है। यह वायरस आमतौर पर कुछ पक्षियों में पाया जाता है। जब मच्छर संक्रमित पक्षियों को खाते हैं और फिर किसी व्यक्ति को काटते है, तो यह उनमें फैल सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वेस्ट नाइल वायरस एक न्यूरोलॉजिकल रोग है, जो मनुष्यों के लिए घातक होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया, तो यह एन्सेफलाइटिस का कारण बन सकता है। यह मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचा सकता है। कई गंभीर मामलों में मरीज की मौत भी हो सकती है।
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वेस्ट नाइल फीवर के लक्षण क्या हैं?
वेस्ट नाइल वायरस से संक्रमित लगभग 80 प्रतिशत लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। हालांकि, 20 प्रतिशत लोगों को इसके लक्षणों का अनुभव हो सकता है, जो इस प्रकार हैं –
- बुखार
- सिरदर्द
- शरीर में दर्द
- उल्टी और मतली
- मांसपेशियों में दर्द
- गर्दन में अकड़न
- कंपकंपी
- चक्कर आना
कैसे करें बचाव?
- मच्छर रुके हुए पानी में पनपते हैं इसलिए अपने घर के आसपास पानी न जमा होने दें।
- बाहर निकलते समय पूरी बाजू के कपड़े पहनें।
- घर के खिड़की और दरवाजों को बंद रखें ताकि मच्छर घर में प्रवेश न कर पाएं।
- घर के अंदर मॉस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल करें।
- रात को सोते समय बिस्तर पर मच्छरदानी का उपयोग करें।
- बुखार या शरीर पर दाने निकलने की समस्या हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।