Stress is Dangerous: हमारे शरीर और दिमाग पर बुरा असर डालने वालों में से एक स्ट्रेस भी है. स्ट्रेस फिज़िकल, मेंटल और इमोशनल हेल्थ पर बुरा असर डालता है. जब भी हम स्ट्रेस में होते हैं तो शरीर को कुछ लक्षण महसूस होते हैं. जैसे हमारे सिर और शरीर में बहुत दर्द उठता है. कभी-कभी सीने में भी दर्द शुरू हो जाता है. पाचन तंत्र से जुड़ी दिक्कतें होने लगती हैं. अपच और डायरिया हो सकता है. स्ट्रेस सीधे तौर पर तो हमारी जान नहीं लेता. लेकिन, अगर इस पर ध्यान न दिया जाए तो शरीर को बहुत नुकसान पहुंचता है.
स्ट्रेस में रहने के क्या साइड इफेक्ट्स हैं, जानिए | Stress is Dangerous
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि जब हम घंटों ऑफिस में काम करते हैं. कुर्सी पर जमे रहते हैं. खाना सही से नहीं खाते. लगातार स्ट्रेस में रहते हैं. तब शरीर में एड्रेनलिन रश (Adrenaline Rush) होता है. एड्रेनलिन एक हॉर्मोन है. जब भी हम बहुत स्ट्रेस में होते हैं. तब हमारी धड़कनें बढ़ जाती हैं. पसीना आने लगता है. तब एड्रेनल ग्रंथि हमारे खून में एड्रेनलिन हॉर्मोन छोड़ देती है. इससे शरीर में एक रिएक्शन होता है. जिसे एड्रेनलिन रश कहते हैं. लगातार एड्रेनलिन रश रहने से दिल की धमनियां सिकुड़ने लगती हैं.

कोर्टिसोल हॉर्मोन भी बढाता है स्ट्रेस | Stress is Dangerous
हमारे दिल में तीन मुख्य आर्टरी होती हैं, जो खून ले जाने का काम करती हैं. इससे दिल को ऑक्सीजन और मज़बूती मिलती है. अब अगर कोई आर्टरी बंद हो जाए या वो सिकुड़ने लगे तो खून का फ्लो कम हो जाता है. उनमें प्लाक, जो एक तरह का फैट है, वो तेज़ी से जमने लगता है. इससे अंदरूनी सूजन आ जाती है. आर्टरी को किसी भी तरह का नुकसान यानी देर-सवेर हार्ट अटैक. फिर मौत. बहुत ज़्यादा स्ट्रेस लेने से कोर्टिसोल हॉर्मोन (Cortisol Hormone) का लेवल भी बढ़ जाता है. ये हमारे दिल के साथ-साथ दिमाग को भी नुकसान पहुंचाता है.

याद्दाश्त पर असर डालता है स्ट्रेस | Stress is Dangerous
दरअसल लंबे समय से चल रहे स्ट्रेस से हमारे ब्रेन सेल्स खत्म होने लगते हैं. प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स (Prefrontal cortex) सिकुड़ने लगता है. प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स दिमाग का एक हिस्सा है, जो याद्दाश्त और नई चीज़ें सीखने के लिए ज़िम्मेदार है. ये हिस्सा हमारे दिमाग के बाकी हिस्सों से कनेक्शन भी बनाता है. हमारे विचारों, कामों और भावनाओं को कंट्रोल करता है.अब अगर हम ज़्यादा स्ट्रेस में रहेंगे तो हमारी याद्दाश्त पर असर पड़ेगा. नई चीज़ें सीखने की क्षमता भी कम हो जाएगी.

डिप्रेशन को न्योता देता है स्ट्रेस | Stress is Dangerous
स्ट्रेस से डिप्रेशन भी हो सकता है. ऐसा मुमकिन है कि आपका कोई दोस्त, कोई कलीग हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन से जूझ रहा हो. इस तरह के डिप्रेशन में इंसान बाहर से तो खुश नज़र आता है. मगर अंदर से बहुत हताश और निराश रहता है. उसे हमेशा एक खालीपन महसूस होता है. वो नाउम्मीद हो जाता है. लेकिन अपने चेहरे, अपनी बातों से ये सब ज़ाहिर नहीं होने देता. अगर किसी को लगातार ये लक्षण महसूस होते रहें तो इंसान खुद को नुकसान पहुंचाने के बारे में सोचने लगता है.

स्ट्रेस में हैं तो प्रोफेशनल मदद ज़रूर लें | Stress is Dangerous
एक बात और. अगर हम काम के इतने दबाव में हैं कि अपने खाने-पीने का ध्यान नहीं रख रहे. एक हेल्दी डाइट नहीं ले रहे तो हमारा इम्यून सिस्टम कमज़ोर हो सकता है. जिससे हमें बीमारियों और इंफेक्शन का ज़्यादा खतरा रहता है. नतीजा? समय से पहले मौत. इसलिए स्ट्रेस को मैनेज करना बेहद ज़रूरी है. अगर आप लंबे समय से बहुत स्ट्रेस में हैं तो प्रोफेशनल मदद ज़रूर लें.
