बच्चों में ब्रेन ट्यूमर एक गंभीर समस्या बनती जा रही है लेकिन शुरुआती चरणों में पता चल जाए तो इलाज संभव है। इसके लिए जरूरी है कि इसके शुरुआती संकेत को पहचान कर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। यदि आपके बच्चों में भी ऐसे लक्षण दिखें तो सावधान हो जाएं और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं की वृद्धि है। वयस्कों की तरह बच्चों में भी ब्रेन ट्यूमर होना एक आम बात है। ब्रेन ट्यूमर बच्चों सहित सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए गंभीर बीमारी का कारण हो सकता है। समय पर पता चलने पर बच्चों में इस गंभीर समस्या के निदान में मदद मिलती है। इसके लिए जरूरी है कि माता-पिता बच्चों की समस्याओं पर नज़र रखें, लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सहायता लें जिससे बच्चे की जान बचाई जा सके।
बच्चों में ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
जी मिचलाना और उल्टी
यह लक्षण फ्लू जैसी आम बीमारियों की तरह भी हो सकते हैं लेकिन इसका अधिक समय तक बना रहना, खासकर जब सिर दर्द के साथ हो। तब यह ब्रेन ट्यूमर से जुड़े बढ़े हुए इंट्राक्रैनील प्रेशर का संकेत हो सकता है।
लगातार सिरदर्द
मस्तिष्क ट्यूमर वाले बच्चों को अक्सर सिरदर्द की शिकायत होती है। खासकर सुबह के समय में अधिक समस्या होती है। अगर आपके बच्चे को भी लगातार सिरदर्द की समस्या बनी हुई है, तो तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं और उनकी सलाह लें।
बोलने, देखने और सुनने में समस्या
बच्चों में ब्रेन ट्यूमर होने पर देखने या सुनने की समस्या हो सकती है। इसके साथ ही बोलने में भी कठिनाई हो सकती है। बच्चों में ऐसी समस्या दिखने पर माता-पिता को तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेनी चाहिए।
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संतुलन की समस्या
मस्तिष्क स्टेम के पास ट्यूमर शरीर के संतुलन तंत्र को बाधित कर सकता है। जिससे प्रभावित बच्चों को अपने सभी अंगों के नियंत्रण से संबंधित समस्या हो सकती है।
व्यवहार में बदलाव
ब्रेन ट्यूमर से बच्चों के व्यवहार में बदलाव होने लगता है। जैसे- मूड स्विंग, अकेले रहना, चिड़चिड़ापन और आक्रामकता। यदि आपके बच्चे में भी ये सारे लक्षण दिखाई देने लगें तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और उनकी सलाह लें।
दौरे
मस्तिष्क के ट्यूमर से प्रभावित बच्चों में दौरे का खतरा बढ़ जाता है। दौरे के कारणों को जानने के लिए डॉक्टर को दिखाएं और उनसे जरूरी सलाह लें।
शुरुआती चरण में पता चल जाये तो ज्यादा अच्छा
मस्तिष्क ट्यूमर के शुरुआती चरणों में इलाज करना संभव होता है। शुरुआती चरणों में पता चलने से डॉक्टर ऑपरेशन या अन्य माध्यम से ट्यूमर का इलाज करने में सक्षम होते हैं। लेकिन जब ट्यूमर अधिक बढ़ जाता है, तब इसका इलाज करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए जरूरी है कि माता-पिता इसके लक्षणों पर विशेष ध्यान दें। कोई भी ऐसा लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।