ठंड का मौसम अब जा चुका है और गर्मी की शुरुआत हो चुकी है। मौसम में बदलाव होने के कारण कई प्रकार की बीमारियां भी उत्पन्न होने लगती हैं, जहां एक तरफ मौसम में बदलाव होता है तो वहीं दूसरी तरफ हमारा शरीर मौसम के अनुरूप ढलने में थोड़ा समय लेता है। कई लोगों को रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण अत्यंत गंभीर समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। मौसम बदलाव के कारण खांसी, छींक आना, खुजली, बुखार, पेट से संबंधित कई प्रकार की समस्याएं, अस्थमा मरीजों के लिए समस्याएं व अन्य प्रकार की दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। ऐसे में आपको अत्यंत सावधानी बरतने की आवश्यकता है। आइए इस लेख के माध्यम से समझने का प्रयास करते हैं कि इस प्रकार की समस्याओं से कैसे बच सकते हैं
पेट से संबंधित समस्याएं
डॉ महेश गुप्ता, सीनियर कंसल्टेंट, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली के अनुसार, बदलते मौसम में पेट से संबंधित कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं जैसे- पेट में गैस, जलन, ब्लोटिंग, उल्टी, भूख कम लगना, पेट में दर्द और ऐंठन, दस्त, पेट में इंफेक्शन आदि। लोगों को ठंड के मौसम में गरम मसाले वाले खाद्य व्यंजन खाने की आदत होती है परंतु यह गर्मी में उन्हें दिक्कत पैदा कर सकती है, जब मौसम बदलता है तो उन्हें अपने खान-पान पर भी बहुत ध्यान देने की आवश्यकता होती है, कुछ बदलाव भी करने पड़ते हैं।
इस मौसम में आपके पेट के लिए नारियल पानी, तरबूज, सेब, खीरा, आड़ू जैसे ठंडी तासीर वाले फल बहुत ही फायदेमंद होते हैं। यदि आपके पेट में फिर भी इस प्रकार की समस्याएं हैं तो आपको डॉक्टर से संपर्क करने में जरा भी देर नहीं करनी चाहिए। डॉक्टर अल्ट्रासाउंड, एमआरआई, सीटी स्कैन और एक्स-रे के माध्यम से पहले जांच करते हैं और फिर उसी के अनुरूप इलाज करते हैं।
सर्दी, खांसी और जुकाम
डॉ. सुधीश सेहरा, यूनिट हेड एंड सीनियर कंसल्टेंट इंटरनल मेडिसिन, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट ने बताया कि इस समय मौसम में जहां दिन का तापमान बढ़ के 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, तो वहीं बीच रात में यह तापमान 15 डिग्री सेल्सियस के आसपास कम हो जाता है। ऐसे में मौसम बदलाव के कारण सर्दी, खांसी, जुकाम, गले में दर्द व थकान जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इस प्रकार की समस्याएं छोटे बच्चों में ही नहीं होती बल्कि बड़ों में भी होती हैं और इसीलिए मौसम बदलाव के समय बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
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ऐसे में आपको शाम के समय पर्याप्त कपड़े पहन कर ही बाहर निकलना चाहिए, साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए, बच्चों के कपड़ों को भी साफ रखना चाहिए। तुरंत एसी से गर्मी में बाहर नहीं निकलना चाहिए, फ्रिज में रखें ठंडे पानी को तुरंत ना पिएं, नॉर्मल पानी पीने का प्रयास करें।
वायरल बुखार, वायरल इंफेक्शन और चेचक
मौसम बदलाव के कारण कई प्रकार के वायरल इंफेक्शन भी फैलते हैं इनमें चेचक की समस्या भी हो सकती है। यह एक प्रकार का वायरल इंफेक्शन है जो पानी के माध्यम से फैलता है जो बाद में शरीर में दाने के रूप में उभर आता है। इस बीमारी के दौरान पूरे शरीर पर दाग-धब्बे हो जाते हैं। इसके बाद कई प्रकार की अन्य बीमारियां भी आपको अपनी गिरफ्त में लेने लगती हैं। इस प्रकार की समस्याएं मौसम में बदलाव होने के कारण होती हैं इसलिए आपको बहुत ही सावधानी और साफ सफाई रखने की जरूरत है, अपने खान-पान को साफ रखें, शुद्ध पानी पिएं, झाड़ फूंक के चक्कर में ना पड़ के आप तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
अस्थमा व स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं
डॉ. श्वेता बंसल, सीनियर कंसल्टेंट, पल्मोनोलॉजी एंड स्लीप मेडिसिन, नारायणा हॉस्पिटल, गुरुग्राम के मुताबिक ठंड के मौसम से अब गर्मी की तरफ हम बढ़ रहे हैं और ऐसे में अस्थमा के मरीजों को बहुत ही सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। मौसम में बदलाव के कारण उन्हें सांस लेने में परेशानी, खांसी, सीने में जकड़न जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। बाहर तेज गर्मी और आंधी के कारण धूल मिट्टी उन्हें परेशान कर सकती है, इस कारण उन्हें एलर्जी और इंफेक्शन होने का खतरा भी हो सकता है।
ऐसे में आपको बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत है यदि आप बाहर किसी कारणवश जा रहे हैं तो अपने नाक और मुंह के चारो ओर नर्म कपड़ा बांधे या फिर मास्क जरूर पहनें। धूम्रपान से दूरी बनाएं, बाहरी व्यायाम से परहेज करें, आवश्यक दवाओं और इनहेलर का स्टॉक पहले से करके रखें। मौसम का बदलाव आपके लिए एक चेतावनी है कि पहले से अधिक सावधान रहें।