‘साल्मोनेला टाइफी’ नाम का बैक्टीरिया हमारे शरीर में टाइफाइड नाम के रोग का कारण बनता है। यह रोग न केवल भारत, बल्कि कई देशों में स्वास्थ्य विभाग के लिए गंभीर चिंता का विषय है। इस गंभीर रोग के खतरे को देखते हुए भारतीय शोधकर्ताओं ने एक ऐसा टीका बनाया है, जो टाइफाइड के बैक्टीरिया के साथ-साथ कई दूसरे भी हानिकारक बैक्टीरिया का एक साथ खात्मा कर सकता है।
कहां बनाया गया ये टीका
इस टीके का निर्माण कोलकाता स्थित राष्ट्रीय हैजा एवं आंत्र रोग संस्थान ने किया है। जिसके मुताबिक यह टीका साल्मोनेला टाइफी और साल्मोनेला पैराटाइफी दोनों ही तरह के बैक्टीरिया से हमारी सुरक्षा कर सकता है। हालांकि, इस टीके को प्रयोग में लाने से पहले भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) एक निजी कंपनी के साथ मिलकर इसकी गुणवत्ता की जांच कर रहा है।
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परिणाम बेहतर मिले
वर्तमान समय में भारत के पास टाइफाइड जैसे रोग से बचाव के लिए दो अलग-अलग तरह के टीके मौजूद हैं। एक भारत बायोटेक कंपनी ने तैयार किया है, जिसे साल 2017 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंजूरी दी थी। वहीं दूसरे टीके को साल 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मान्यता दे दी है। लेकिन हाल ही में तैयार किया गया टीका इन दोनों टीकों से ज्यादा असरदार साबित हो सकता है।
नया टीका क्यों जरूरी
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, टाइफाइड रोग की गंभीरता को देखते हुए अभी एक और प्रभावी टीके की आवश्यकता थी, जो इस नए टीके के साथ पूरी होती दिख रही है। टाइफाइड के कारण साल 2019 में दुनियाभर में 90 लाख से अधिक मामले सामने आए। वहीं इसके कारण एक साल में लगभग 1 लाख से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई। टाइफाइड के अधिकतर मामले एशिया और मुख्यतः: भारत से सामने आए हैं। जिसकी रोकथाम के लिए यह टीका काफी कारगर माना जा रहा है।