हेयर स्ट्रेटनिंग, हेयर कलरिंग और हेयर स्मूथिंग ये तीन चीजें इन दिनों खूब ट्रेंड में हैं। हर कोई इनका शौकीन है, इससे हर कोई अपने बालों को नया लुक दे रहा है। लेकिन, FDA (Food and Drug Administration) ने हाल ही में कैंसर की रोकथाम के लिए बालों को सिल्की और चिकना बनाने वाले उत्पादों में प्रयोग किए जाने वाले फॉर्मेल्डिहाइड और फॉर्मेल्डिहाइड-रिलीजिंग कैमिकल्स पर प्रतिबंध लगाया है। इस बारे में डॉ. राजित चानना, सीनियर कंसलटेंट -मेडिकल ऑन्कोलॉजी, धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी, हॉस्पिटल ने कुछ जरूरी बातें बताई हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में विस्तार से –
स्ट्रेटनिंग, कलरिंग और स्मूथिंग से कैसे बढ़ता है कैंसर?
डॉ. राजित चानना कहते हैं कि कैंसर की रोकथाम के लिए बालों को सिल्की और चिकना बनाने वाले उत्पादों में प्रयोग किए जाने वाले फॉर्मेल्डिहाइड और फॉर्मेल्डिहाइड-रिलीजिंग रसायनों पर एफडीए के प्रतिबंध जैसी पहल का हम तहे दिल से समर्थन करते हैं। दरअसल, बालों को सीधा करने वाले इस प्रकार के कुछ उत्पादों के प्रयोग से अल्पकालीन और दीर्घकालीन गंभीर समस्याएं होने का खतरा बना रहता है। इनमें फॉर्मेल्डिहाइड होता है जो कि धुएं के संपर्क में आने से आंख, नाक और गले में जलन पैदा करते हैं। साथ ही सांस से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं और आगे चलकर कैंसर का भी खतरा बढ़ जाता है।
कौन-से कैंसर का बढ़ता है जोखिम
1. महिलाओं में बच्चेदानी में कैंसर
ये हेयर प्रोडक्ट्स गर्भाशय या बच्चेदानी कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। इसको लेकर 2022 के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान द्वारा अध्ययन से भी कई संकेत मिलते हैं, जिनमें इन रसायनों के धुएं से महिलाओं में गर्भाशय कैंसर की अधिक संभावना को बताया गया है। ये कैंसर तब होता है जब घातक कैंसर कोशिकाएं एंडोमेट्रियम के ऊतकों में बन जाती हैं, जो गर्भाशय की परत होती है। फॉर्मेल्डिहाइड इन कैंसर्स सेल्स को ट्रिगर करते हैं और शरीर में इनके म्यूटेशन को बढ़ावा देते हैं।
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2. हेयर डाई से ब्लैडर कैंसर
Cancer.gov की एक रिसर्च बताती है कि बालों को रंगने वाले डाई से ब्लैडर कैंसर का खतरा बढ़ता है। दरअसल, हेयर डाई उत्पादों का लगभग 80% हिस्सा हाइड्रोजन पेरोक्साइड से बनता है जो कि कार्सिनोजेनिक फॉर्मूलेशन हो सकते हैं। ये ब्लैडर कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं।
3. ब्रेस्ट और ओवरी कैंसर
हेयर डाई, स्ट्रेटनर या रिलैक्सर्स में कार्सिनोजेनिक एजेंट होते हैं जो कि ब्रेस्ट और ओवरी कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। दरअसल, ये प्रोडक्ट्स बालों और स्कैल्प द्वारा अवशोषित होते हैं और शरीर तक पहुंच जाते हैं। खासकर कि फॉर्मेल्डिहाइड या मेथिलीन ग्लाइकॉल वाले कंपाउंड्स जैसे –
- फॉर्मेलिन
- मेथनाल
- मिथेनडिओल
- फॉर्मेल्डिहाइड मोनोहाइड्रेट
इन उत्पादों को गर्म करने पर फ्लैट-प्रेसिंग या ब्लो-ड्रायिंग के दौरान फॉर्मेल्डिहाइड निकलता है और यही कैंसर को ट्रिगर करता है। साथ ही ये सेल्स की हेल्दी सीक्वेंस को भी प्रभवित करता है और हार्मोनल हेल्थ व फाइन रेडिकल्स को बढ़ाता है जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है।
डॉक्टर का क्या है सुझाव
डॉ. राजित चानना कहते हैं कि इसलिए रोजमर्रा के उत्पादों में कार्सिनोजेनिक एजेंटों को पहचान कर उनका प्रयोग न करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसी से आप संभावित कैंसर की समस्याओं से बच सकते हैं और इसी के साथ यह भी जरूरी है कि आप सुरक्षित हेयर प्रोडक्ट्स की पहचान करके उन्हीं का प्रयोग करें।