आमतौर पर आईवीएफ ट्रीटमेंट तभी करवाया जाता है, जब नेचुरल तरीके अपनाने के बावजूद कपल्स कंसीव नहीं कर पाते हैं। आईवीएफ ट्रीटमेंट एक मुश्किल और जटिल प्रक्रिया है। इससे गुजर रही हर महिला को अपने स्वास्थ्य से लेकर जीवनशैली और खानपान का पूरा ध्यान रखना पड़ता है।
ट्रीटमेंट के दौरान अगर महिला अपने स्वास्थ्य के प्रति जरा भी लापरवाही करती है, तो इससे ट्रीटमेंट के दौरन परेशानियां आ सकती हैं या फिर यह फेल भी हो सकता है। आपके साथ ऐसा न हो, इसके लिए बहुत जरूरी है कि आप कुछ गलतियां इन दिनों न करें।
बहुत ज्यादा स्ट्रेस
कहने की जरूरत नहीं है कि आईवीएफ ट्रीटमेंट मानसिक और शारीरिक रूप से थकाने वाली प्रक्रिया है। अस्पताल के कई चक्कर काटने पर पड़ते हैं और ट्रीटमेंट के दौरान कई तरह के इंजेक्शन लगते हैं और टेस्ट होते हैं।
इन सब कारणों से महिला स्ट्रेस से भर जाती है। लेकिन, आपको इस दौरान स्ट्रेस नहीं लेना है। स्ट्रेस की वजह से यह ट्रीटमेंट फेल हो सकता है या फिर कोई अन्य जटिलताएं आ सकती हैं। विशेषज्ञों की मानें, तो स्ट्रेस रिलीज करने के लिए जरूरी है कि आप रेस्ट करें और मन को शांत रखें।
आईवीएफ रूटीन की केयर न करना
आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान महिलाओं को हेल्दी रूटीन फॉलो करने की सलाह दी जाती है। आपको बता दें कि अगर आपका घर अनऑर्गनाइज्ड या बेतरतीब है, तो यह समस्या की बात नहीं है। वहीं, अगर आपकी लाइफस्टाइल बेतरतीब है, डाइट खराब है और आदतें भी अनहेल्दी हैं, तो यह आईवीएफ ट्रीटमेंट के लिए सही नहीं है। इसलिए, जरूरी है कि डॉक्टर ने आपको जैसा रूटीन कहा है, उसे फॉलो करें और उनकी दी हुई दवाईयों को समय पर खाएं।
हर समय रेस्ट करते रहना
जिस तरह गर्भावस्था के दौरान लंबे समय तक रेस्ट करने की मनाही होती है, उसी तरह आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान भी आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। हालांकि, इस प्रक्रिया से गुजर रही महिलाएं, अक्सर खुद को थका हुआ और परेशान पाती हैं। इसलिए, ज्यादातर समय लेटी रहती हैं या फिर सोने की कोशिश करती हैं। वैसे, तो इन दिनों महिला के लिए रेस्ट करना जरूरी है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि आप ज्यादातर समय सोती रहें या बिस्तर पर लेटी रहें। इसके बजाय, घर के कामकाज करें और दूसरों के साथ बातचीत भी करें।