बच्चे की इच्छा रखने वाले लेकिन नैचुरल तरीके से मां बाप ना बन पाने वाले लोग बड़ी संख्या में आईवीएफ का सहारा ले रहे हैं. आईवीएफ यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया ने कई लोगों को माता पिता बनने का सुख दिया है. इससे जुड़े कई ऐसे सवाल भी हैं, जो लोगों के मन में रहते हैं. ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब आपके लिए लोकल 18 लेकर आया है.
अक्सर लोगों के मन में यह सवाल होता है कि क्या आईवीएफ प्रक्रिया से हमेशा जुड़वा बच्चे ही पैदा होते हैं. आईवीएफ एक्सपर्ट और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ प्रमोदिता अग्रवाल ने बताया कि आईवीएफ से जुड़वा बच्चे पैदा होने के पीछे एक लॉजिक है।
क्या है आईवीएफ का प्रोसेस
आईवीएफ के दौरान पुरुष के स्पर्म और महिला के एग लिए जाते हैं. मान लीजिए 10 स्पर्म और 10 एग लिए गए. इनसे एंब्रियो बनाने की प्रकिया शुरू की जाती है. अब ऐसा जरूरी नहीं है कि सभी एंब्रियो पुरी तरह विकसित हो ही जाएंगे।
अधिक एंब्रियो डालने का उद्देश्य
अगर 5 एंब्रियो भी पुरी तरह विकसित हो जाते हैं तो उन्हें यूटरस में डाला जाता है. इसके बाद भी जरूरी नहीं है कि यह पांच एंब्रियो शिशु का रूप ले सकें. अधिक एंब्रियो डालने का उद्देश्य यह होता है कि आईवीएफ का जो सक्सेस रेट है वह बढ़ जाए।
जुड़वा बच्चे होने का कारण
इसके बाद पेशेंट को बताया जाता है कि कितने एंब्रियो विकसित हो गए हैं और इसके बाद पेशंट से चर्चा करने के बाद अंतिम फैसला लिया जाता है. अक्सर इस प्रक्रिया में जुड़वा बच्चे होते हैं।