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अगर शरीर में है Vitamin की कमी तो खुद न बनें डॉक्टर, Kidney-Liver हो सकते हैं खराब

अक्‍सर लोग पतले बाल होने या फिर हाथ-पैरों में दर्द होने पर इसे विटामिन की कमी (Vitamin Deficiency) मानकर खुद में डॉक्टर बन जाते हैं। बाजार से खरीदकर या खुद से बनाए घरेलु सप्लीमेंट लेना शुरू कर देते हैं। मगर, जिस विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए वह सप्लीमेंट लेते है, वही शरीर के लिए खतरा बन जाता है। इसको लेकर हेल्थ एक्सपर्ट्स ने आगाह किया है।

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो​ बिना डॉक्टर की सलाह के डाइटरी सप्लीमेंट लेना खतरनाक हो सकता है। शरीर में विटामिन या मिनरल्स की मात्रा अ​धिक होने पर ये खतरा बन जाते हैं। कई ऑर्गन को डैमेज कर सकते हैं। ऐसे में बॉडी में इनका बैलेंस बनाए रखना जरूरी है।

इनकी कमी से दिखने वाले प्रभाव

विटामिन ए- आंखों की रोशनी जाना, इंफेक्शन का रिस्क, प्रे​ग्नेंसी से जुड़ी ​जटिलताएं, ​स्किन प्रॉब्लम, बच्चों की ग्रोथ पर असर, इनफर्टिलिटी आदि।

विटामिन डी- हड्डियों में दर्द, मसल्स का कमजोर होना, फ्रैक्चर का रिस्क।

विटामिन ई- मसल्स कमजोर होना, विजन प्राॅब्लम, को-ऑर्डिनेशन में दिक्कत, रेल सेल्स प्रभावित होना।

विटामिन के- ब्ली​डिंग प्रॉब्लम, हड्डियां कमजोर होना, ऑस्टियोपोरोसिस का रिस्क बढ़ना।

बायोटिन- बालों का पतला होना, शरीर पर से बाल कम होना, ​स्किन इंफेक्शन, नाखूनों का नाजुक होना।

कोलीन- थकान, मेमोरी लॉस, मूड में बदलाव, नर्व डैमेज होने के चलते झुनझुनाहट।

विटामिन बी 1- थकान, चिड़चिड़ापन, कमजोर रिफ्लेक्स।

विटामिन बी 2-  होंठ फटना, गले में घाव, रोशनी में परेशानी।

विटामिन बी 3- ​स्किन रैशेज, डायरिया, मेमोरी इश्यू, अ​धिक ​थकान, भूख में कमी, पेलाग्रा, डिमें​शिया।

विटामिन बी 5- थकान, चिड़चिड़ापन, इनसोम्निया, डिप्रेशन।

विटामिन बी 6- ​स्किन रैशेज, सेबोरिक डर्मेटाइटिस, होंठ फटना या घाव होना, मूड में बदलाव।

फोलिक एसिड- एनीमिया, कमजोरी, डायरिया, भूख कम लगना, वजन घटना, सिर में दर्द, बिहेवियर डिसऑर्डर, प्रेग्नेंसी के दौरान न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट।

विटामिन बी12- कमजोरी, थकान, मसल्स का वीक होना, सांस लेने में दिक्कत, नर्व और ब्रेन डैमेज होना, मेमोरी इश्यू, डिप्रेशन, एनीमिया।

शरीर को ऐसे पहुंचता है नुकसान

जरूरत से अ​धिक विटामिन्स और मिनरल्स का सेवन बॉडी को नुकसान पहुंचा सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो इससे बॉडी में टॉ​क्सिक लेवल बढ़ सकता है, जिससे कई गंभीर बीमारी हो सकती हैं। विटामिन और मिनरल्स की अ​धिक मात्रा शरीर को किस तरह नकुसान पहुंचा सकते हैं।

विटामिन ए- लिवर डैमेज, चक्कर आना, जी मचलना, आंखों से देखने में दिक्कत, बर्थ डिफेक्ट्स, ऑस्टियोपोरोसिस और न्यूरोलॉजिकल इश्यू।

विटामिन डी- हाइपरकैल्सीमिया, किडनी डैमेज, कार्डियोवैस्कुलर प्रॉब्लम, मसल्स का कमजोर होना।

विटामिन बी 12- ​स्किन प्रॉब्लम एक्ने या रोसैसिया देखने को मिल सकती है, जिससे ​स्किन पर मुंहासे या दाने हो सकते हैं।

फोलिक एसिड- विटामिन बी 12 की कमी को छिपा सकता है, नर्व डैमेज।

मैग्नी​शियम- डायरिया, अनियंत्रित हार्ट बीट, मसल्स वीकनेस, सांस की दिक्कत।

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