दिमाग की नस फटने की स्थिति को ब्रेन स्ट्रोक कहा जाता है। यह एक जानलेवा स्थिति है। यह स्थिति तब होती है, जब ब्रेन की नसें ब्लॉक होने लगती हैं। ब्रेन की नसों पर दबाव बनने की वजह से स्ट्रोक का खतरा रहता है। इस स्थिति में अगर मरीजों का इलाज समय पर शुरू न कराया जाए तो स्थिति गंभीर हो सकती है।
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स्ट्रोक से पहले मिनी स्ट्रोक आता है, क्या आप इस स्थिति के बारे में जानते हैं? अगर आप समय पर मिनी स्ट्रोक की पहचान कर लेते हैं, तो इसकी गंभीर स्थिति से काफी हद तक बचा जा सकता है। मिनी ब्रेन स्ट्रोक को ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक भी कहा जाता है। आइए जानते हैं मिनी ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण क्या है?
कब आता है मिनी ब्रेन स्ट्रोक?
मिनी ब्रेन स्ट्रोक या फिर दिमाग की नस फटने से पहले होने वाले लक्षण काफी सामान्य हैं। इस स्थिति में दिमाग को ऑक्सीजन मिलना बंद हो जाती है। इस स्थिति में ब्रेन डैमेज परमानेंट नहीं होती है। अगर 24 घंटे से पहले स्थिति में सुधार किया जाए, तो मरीज की जान बचाई जा सकती है हालांकि इसके लक्षणों को हल्के में न लें।
मिनी ब्रेन स्ट्रोक आने से दिखने वाले लक्षण
- हाथ-पैरों में सुन्नता महसूस होना
- पैरों में कमजोरी महसूस होना
- चेहरे का 1 तरफा हिस्सा सुन्न होना
- कंफ्यूजन की स्थिति होना
- बोलने में परेशानी होना
- देखने में काफी ज्यादा परेशानी होना
- शारीरिक संतुलन खोना
- चलने में काफी ज्यादा परेशानी होना
- चक्कर आना
- सिर में काफी तेज और गंभीर दर्द होना, इत्यादि।