बदलता मौसम अपने साथ कई खुशियां, कई चुनौतियों और कई तरह की समस्याओं को भी अपने साथ लाता है। फिर चाहे गर्मी के बाद बारिश का मौसम आए, बारिश के बाद ठंड का या ठंड के बाद गर्मी का। इन सभी ‘मौसम एक्सचेंज’ में एक चीज़ जो स्थिर रहती है, वो होती हैं इसके कारण होने वाली तमाम छोटी-बड़ी बीमारियां। बदलते मौसम में सर्दी, खांसी, ज़ुकाम और बुखार यह वे तमाम समस्याएं हैं, जो अक्सर देखने को मिल जाती है और जिसके कारण लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
इसी मौसम के बदलाव में होने वाले फ्लू और फीवर को गंभीरता से लेना जरूरी है। ये हमारा नहीं बल्कि एक्स्पर्ट्स का कहना है। जी हां, मौसमी बीमारियों पर बात करने के लिए आरोग्य इंडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े हैं लखनऊ के प्रसिद्ध पीडियाट्रियन डॉक्टर तरुण आनंद।
गर्मी के मौसम से पहले आई बारिश, अपने साथ किन बीमारियों को लेकर आती है?
डॉक्टर तरुण बताते हैं कि जब भी कोई सीजन ट्रांजिशन होता है तो वायरल डिसीजेज का प्रकोप बढ़ जाता है। विंटर में वायरल डिसीजेज इसलिए बढ़ जाते हैं क्योंकि विंटर्स में वायरल में रेप्लिकेशन और रिप्रोडक्शन तेज होता है। धूप की कमी की वजह से बच्चों में इम्यूनिटी कम रहती है और घर में बंद रहने की वजह से एक-दूसरे के इंफेक्शन भी आपस में ट्रांसमिट होते हैं। इसी तरह जब बारिश का मौसम होता है तो हवा में जितने भी प्रकार के वायरस होते हैं वो जमीन पर आ जाते हैं और कहीं-न-कहीं संपर्क में आने की वजह से बच्चे बीमार पड़ जाते हैं।
बदलते मौसम में कैसे करें बच्चों की देख-रेख?
हमें ये ध्यान रखना है कि जैसे ही इस मौसम में बदलाव होता है बच्चों को बारिश से बचायें और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर न ले जायें। बच्चे के न्यूट्रीशन पर ध्यान दें, बाहर का न खाना न खाना दें।
कैसे कर सकते हैं इससे बचाव?
फ्लू और फीवर जैसे लक्षण दिखने के तुरंत बाद आपको सतर्क हों जाने की आवश्यकता है। साथ ही इसके बचाव के लिए आप संयमित मात्रा में प्राकृतिक और आयुर्वेदिक चीज़ों जैसे अदरक, अश्वगंधा और गिलोय का प्रयोग कर सकते हैं, जिससे आपकी इम्यूनिटी बूस्ट होती है और आपको इन तमाम रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है। इसके साथ ही फ्लू जैसे लक्षण दिखने के साथ आप बचाव के कुछ अन्य तरीके भी अपना सकते हैं।
हाइड्रेटेड रहें
हाइड्रेटेड रहने से आप अपने फ्लू और फीवर जैसी स्थिति में अपना बचाव कर सकते है। क्योंकि जब आपको बुखार होता है, तो बीमारी पैदा करने वाले वायरस या बैक्टीरिया को मारने के प्रयास में आपके शरीर का तापमान बढ़ जाता है। ऐसे में शरीर के तापमान में वृद्धि होती है, जिससे डीहाइड्रेशन का खतरा बढ़ सकता है।
भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें
फ्लू के मौसम और बदलते मौसम के दौरान, भीड़-भाड़ वाली इनडोर जगहों पर अपने संपर्क को सीमित करने पर विचार करें, जहां वायरस अधिक आसानी से फैल सकते हैं, कोशिश करें ऐसी जगह पर मास्क पहने। फ्लू और बुखार होने पर गुनगुना पानी पीने से राहत मिलती है और रिकवरी प्रक्रिया में भी मदद मिलती है। फ्लू के दौरन व्यक्ति को खांसी, जुकाम जैसी समस्या भी होती है, जिसका कारण म्यूकस होता है। ऐसे में गुनगुना पानी पीने से आपके शरीर के लिए अतिरिक्त कफ को बाहर निकालना आसान हो जाता है। इससे कंजेशन और खांसी से राहत मिल सकती है।