देशभर में लगातार गर्मी बढ़ती जा रही है। हर एक राज्य का पारा 45 के पार हो रहा है, जिसकी वजह से कई लोग हीटवेट की चपेट में आ रहे हैं। हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इस साल 1 मार्च से 18 जून के बीच कम से कम 110 लोगों की मौत हीटवेव से हुई है और इस गर्मी में 40,000 से अधिक लोगों को हीटस्ट्रोक होने की संभावना है।
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खबरों में स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का हवाला देते हुए कहा गया है कि अब तक उत्तर प्रदेश में हीटस्ट्रोक की वजह से सबसे अधिक मौतें हुई हैं, जिसका आंकड़ा 36 के पार पहुंच चुका है।
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) द्वारा राष्ट्रीय हीट-रिलेटेड इलनेस एंड डेथ सर्विलांस के तहत संकलित आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में हीट स्ट्रोक के कारण 17 मौतें हुईं हैं। वहीं, राजस्थान में 16 लोगों की इसके कारण मौत हुई है।
अधिक हो सकती है मरने वालों की संख्या
आधिकारिक सूत्र के हवाले से कहा जा रहा है कि राज्यों की ओर से सामने आ रहे डेटा अंतिम प्रस्तुति नहीं हैं। मरने वालों की संख्या इससे अधिक हो सकती है। आंकड़ों के अनुसार, 18 जून को ही हीटस्ट्रोक के कारण 6 मौतें हुईं। इस बीच मध्य प्रदेश में हीटस्ट्रोक के सबसे अधिक मामले 10,636 दर्ज किए गए, जहां पांच मौतों की भी पुष्टि की गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मई के अंत तक देशभर में हीटस्ट्रोक से सिर्फ 56 मौतें और 24,849 मामले सामने आए। उत्तरी और पूर्वी भारत के अधिकांश हिस्से लंबे समय से भीषण गर्मी की चपेट में हैं, जिससे हीटस्ट्रोक से होने वाली मौतों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है।