लड़कियों को पीरियड्स 12 से 14 साल की उम्र में शुरू होते हैं। ऐसा आमतौर पर प्यूबर्टी के बाद होता है। लेकिन, मौजूदा समय में यह देखा जा रहा है कि कई लड़कियों को 10 साल से कम उम्र में ही पीरियड्स शुरू हो जाते हैं। यह स्थिति हर पेरेंट्स को डरा देती है। जाहिर है, इतनी कम उम्र में कोई भी बच्ची पीरियड्स साइकिल को न तो समझ सकती है और न ही खुद को सही तरह से संभाल सकती है। इस तरह की स्थिति को हम प्रीकोशियस प्यूबर्टी के नाम से जानते हैं।
मोटापा है वजह
डॉ. नितिशा की मानें, तो आजकल बहुत सारे ऐसे बच्चे हैं, जिन्हें कम उम्र में ही प्यूबर्टी की समस्या होने लगती है। ऐसा होना सही नहीं है। अर्ली प्यूबर्टी की वजह से बच्चे की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। बच्चियों को कम उम्र में ही पीरियड्स शुरू होने की एक मुख्य वजह चाइल्डहुड ओबेसिटी है।
असल में, मोटापे की वजह से शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ती है और एस्ट्रोजन नाम के हार्मोन के स्तर में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिलती है। एस्ट्रोजन महिलाओं में पाया जाने वाला हार्मोन है। यह हार्मोन महिलाओं के शरीर में होने वाले बदलावों के लिए काफी हद तक जिम्मेदार होता है। वहीं, अगर कम उम्र में ही इस हार्मोन में तेजी से बदलाव होने लगें, तो 10 साल से कम उम्र की लड़कियों में पीरियड्स होने की प्रॉब्लम हो सकती है।
जंक फूड का सेवन करना
कम उम्र में पीरियड्स शुरू होने के पीछे एक वजह, जंक फूड का काफी ज्यादा मात्रा में सेवन भी है। दरअसल, कुछ सालों पहले तक घरों में मांएं हेल्दी और पौष्टिक चीजें बनाया करती थीं। लेकिन, हाल के सालों में महिलाएं वर्किंग हो गई हैं, इसलिए घर में प्रोसेस्ड फूड या जंक फूड खाए जाने का ट्रेंड बढ़ गया है। जंक फूड या प्रोसेस्ड फूड के सेवन की वजह से मोटापा बढ़ता है और इंसुलिन का स्तर भी बढ़ता है। नतीजतन कम उम्र में लड़कियों को प्रीकोशियस प्यूबर्टी का सामना करना पड़ता है।
आनुवांशिक वजह का होना
किसी लड़की को कम उम्र में पीरियड्स शुरू हो जाएं, तो इस स्थिति में कुछ किया नहीं जा सकता है। कई बार, लड़कियों को इसलिए कम उम्र में पीरियड्स होने लगते हैं, क्योंकि उसकी फैमिली में किसी के साथ ऐसा हुआ होता है। nemours kidshealth में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, “कम उम्र में पीरियड्स होना किसी बीमारी की ओर संकेत नहीं करता है। अगर इस तरह की समस्या परिवार में पहले से रही है, तो भावी पीढ़ी को भी यह प्रॉब्लम हो सकती है। यही नहीं, कई बार प्रीकोशियस प्यूबर्टी की वजह थायराइड और ट्यूमर का होना भी हो सकते हैं।”