स्वास्थ्य और बीमारियां

गर्मी के प्रकोप का असर आपकी Mental Health पर, बचने के लिए ध्यान रखें ये बातें

दिनों दिन बढ़ रही गर्मी लोगों के स्वास्थ्य के लिए चुनौती बन रही है। लू का असर सिर्फ आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर ही नहीं होता, बल्कि आपका मानसिक स्वास्थ्य भी इससे प्रभावित होता है। बढ़ती गर्मी तनाव, एंग्जाइटी और झुंझलाहट का कारण साबित हो रही है। दरअसल, तापमान का बढ़ता स्तर हीट स्‍ट्रेस को बढ़ा देता है। शरीर में पानी की कमी और मील स्किप करना दोनों ही आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। यह समस्या आपको और आपके प्रियजनों को प्रभावित न करे, इसके लिए जरूरी है इसके कारणों, लक्षणों और बचाव के उपायों के बारे में जानना।

हीट वेव का मानसिक स्वास्थ्य पर क्या असर होता है?

देर तक धूप की किरणों के संपर्क में रहने से डिहाइड्रेशन की कमी का सामना करना पड़ता है, जिससे शारीरिक अंगों में ऑक्सीजन का प्रवाह बाधित होने लगता है। इसके चलते सिरदर्द, चक्कर आना और स्‍ट्रेस बढ़ने लगता है। वे लोग जो लंबे समय तक आउटडोर एक्टिविटी के चलते धूप में रहते हैं, उन्हें हीट एंग्ज़ाइटी से दो चार होना पड़ता है।

इस बारे में रेस्पिरेटरी मेडिसिन कंसल्टेंट डॉ अवि कुमार का कहना है कि गर्मी के चलते शरीर में पानी का नियमित स्तर बनाए रखना आवश्यक है। अन्यथा शरीर को इरिटेशन, अनकॉशियसनेस, एंग्जाइटी ए एजिटेशन और हाइपोवीलिमिया का सामना करना पड़ता है। दरअसल, गर्मी के चलते स्‍ट्रेस हार्मोन एग्रीवेट हो जाते हैं। इससे तनाव और हीट एंग्ज़ाइटी का सामना करना पड़ता है। इस बारे में एक्सपर्ट का कहना है कि धूप की किरणों से शरीर को विटामिन डी और सेरोटोनिन की प्राप्ति होती है। इससे मूड बूस्ट करने में मदद मिलती है। मगर लगातार धूप के संपर्क में रहना तनाव को बढ़ा देता है।

हीट एंग्जाइटी बढ़ने के लक्षण

मूड में परिवर्तन
हीट एंग्जाइटी के शिकार लोग गर्मी के मौसम में खुद को इरिटेट, डिप्रेस्ड और अकेला महसूस करते हैं। वे हर बात पर एग्रेसिव होने लगते हैं और तनाव का सामना करते हैं। लोगों को मूड स्विंग का सामना भी करना पड़ता है।

एकाग्रता की कमी
चिलचिलाती गर्मी में रहने से किसी भी कार्य पर फोकस करने में परेशानी होती है। इससे किसी भी नई चीज़ को समझने से लेकर उस पर फोकस करने तक कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

नींद में बदलाव
हीट वेव्स के चलते लोगों को नींद की समस्या का सामना करना पड़ता है। जहां कुछ लोगों की नींद बाधित होने लगती है, तो वहीं कुछ लोग देर तक सोने लगते हैं, जिससे तनाव और आलस्य की स्थिति हो जाती है।

कंफ्यूज रहना
लू के चलते मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होने लगता है, जिससे किसी भी काम को करने के लिए कंफ्यूजन बनी रहती है। ऐसे में व्यक्ति कोई डिसीज़न नहीं ले पाता और हर पल चिंतित रहने लगता है। इसके अलावा व्यवहार में हड़बड़ाहट बढ़ने लगती है।

हीट वेव के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

पानी पीते रहें
गर्मी के मौसम में शरीर को निर्जलीकरण और हीट एंग्ज़ाइटी की समस्या से बचाने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पिएं। इससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह नियमित बना रहता है और शरीर एक्टिव व एनर्जी से भरपूर रहता है। शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए हेल्दी पेय पदार्थो को अपने रूटीन में शामिल करें।

सुबह जल्दी उठें
लंबे समय तक सोने से शरीर में थकान, आलस और एनर्जी की कमी होने लगती है। शरीर को एक्टिव और तनाव रहित करने के लिए 6 से 8 घंटे की नींद लें। एंग्ज़ाइटी एंड डिप्रेशन एसोसिएशन ऑफ अमेरिका के अनुसार, ज्यादा देर तक सोना तनाव के लक्षणों को बढ़ा सकता है। इसके चलते स्वभाव में चिड़चिड़ापन बढ़ने लगता है। गर्मी में सोने और उठने का समय तय करें।

गर्मी में बाहर न निकलें
किसी भी काम को पूरा करने के लिए दिन ढलने के बाद और तापमान में हल्की गिरावट आने के बाद ही बाहर निकलें। इससे शरीर को हीट वेव से बचाया जा सकता है। साथ ही हल्के रंग के कपड़े पहनकर बाहर जाएं। इससे शरीर का तापमान उचित बना रहता है। इसका अलावा लाइट वेट और लूज़ फिटिंग के कपड़ों को ही पहनें। इससे शरीर स्वस्थ रहता है।

दिन में दो बार नहाएं
शरीर और मानसिक स्वास्थ्य को हेल्दी और कूल रखने के लिए शरीर की ठंडक को बरकरार रखें। इसके लिए पंखे और कूलर के अलावा कोल्ड पैक्स और शावर की मदद लें। दिन में दो बार नहाने से बॉडी टैम्परेचर उचित बना रहता है और लू की चपेट में आने का खतरा भी कम हो जाता है। गर्मी में बाथिंग स्किप न करें।

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