चगास रोग को “चुपचाप फैलने वाली बीमारी” भी कहा जाता है क्योंकि शुरुआत में इसके लक्षण नजर नहीं आते या बहुत हल्के होते हैं, जिससे देर से पता चल पाता है और जागरूकता भी कम होती है।
14 अप्रैल को विश्व चगास रोग दिवस मनाया जाता है। चगास रोग, जिसे अमेरिकन ट्रिपैनोसोमाइसिस भी कहा जाता है, एक गंभीर बीमारी है। हर साल 14 अप्रैल को विश्व चगास रोग दिवस मनाया जाता है ताकि लोग इस बीमारी के बारे में जान सकें। इसका पता सबसे पहले 1909 में ब्राज़ील के डॉक्टर कार्लोस चागास ने लगाया था। यह ट्रिपैनोसोमा क्रूज़ी नाम के परजीवी से फैलती है।
यह बीमारी मुख्य रूप से “चुंबन करने वाला खटमल” (ट्रायटोमाइन कीड़े) के काटने से फैलती है। इसके अलावा, रक्त संचार, अंग प्रत्यारोपण, माँ से बच्चे में जन्म के समय और दूषित भोजन या पेय पदार्थों से भी फैल सकती है।
चगास रोग के कितने चरण
चगास रोग के दो चरण होते हैं: तीव्र और दीर्घकालिक। तीव्र चरण संक्रमण के कुछ ही समय बाद होता है और इसमें आमतौर पर हल्के लक्षण होते हैं या बिलकुल लक्षण नहीं होते। इसलिए इस दौरान इसका पता लगाना मुश्किल होता है। इसमें बुखार, थकान, शरीर में दर्द और संक्रमण वाली जगह पर सूजन जैसे लक्षण हो सकते हैं। अगर इलाज न किया जाए तो सालों या दशकों बाद यह गंभीर हो सकता है। दीर्घकालिक अवस्था में दिल की समस्याएं और पाचन संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं।
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चगास रोग को “चुपचाप फैलने वाली बीमारी” कहा जाता है Chagas disease is called a “silently spreading disease”। चूंकि शुरुआत में इसके लक्षण नहीं होते इसलिए चगास रोग को “चुपचाप फैलने वाली बीमारी” कहा जाता है। इस बीमारी पर अभी तक कम ध्यान दिया गया है और खासकर प्रभावित इलाकों में इसके लिए कम शोध और इलाज की सुविधाएं उपलब्ध हैं।
कैसे पता लगाया जाता है
इस रोग का पता लगाने के लिए खून की जांच की जाती है। जल्दी पता लगने पर इलाज ज्यादा कारगर होता है। बेंज़निडाज़ोल या निफर्टीमोक्स दवाएं इस्तेमाल की जाती हैं, लेकिन ये दवाएं शुरुआती अवस्था में ही ज्यादा असर करती हैं।
चगास रोग मुख्य रूप से लैटिन अमेरिका में पाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, चगास रोग मुख्य रूप से लैटिन अमेरिका में पाया जाता है और करीब 60 से 70 लाख लोग इससे ग्रस्त हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में। लेकिन लोगों के इधर-उधर आने जाने और दुनियाभर में जुड़ाव बढ़ने से यह बीमारी अब उन इलाकों में भी फैल रही है जहां पहले नहीं थी। इसलिए इस बारे में जागरूकता और ठोस कदम उठाना बहुत जरूरी है।
बीमारी से बचाव का तरीका
इस बीमारी से बचाव के लिए कीड़ों को मिटाने के उपाय करने चाहिए, रहने की जगहों को साफ रखना चाहिए और समुदाय में मिलकर निगरानी कार्यक्रम चलाने चाहिए। विश्व चगास रोग दिवस हमें याद दिलाता है कि इस वैश्विक बीमारी से लड़ने के लिए जल्दी पता लगाना, इलाज और बचाव के प्रयास बहुत जरूरी हैं।