हम बात कर रहे हैं एक ऐसे फल की जिसे ड्रैगन फ्रूट के नाम से जाना जाता है. बिहार के सीतामढ़ी में भी एक किसानों ने ड्रैगन फ्रूट की खेती की है. किसान इसकी खेती आर्गेनिक तरीके से कर रहे हैं।
बाजार में भी ड्रैगन फ्रूट की मांग बढ़ती जा रही है, इसलिए किसानों को इस फल से अच्छी कमाई हो जाती है. सीतामढ़ी जिला के फरछाहियां गांव के रहने वाले किसान ने पांच कट्ठे में ड्रैगन फ्रूट के पेड़ लगाए हैं. इनके खेत में 350 से अधिक ड्रैगन फ्रूट के पौधे हैं. और इससे फल भी प्राप्त कर रहे हैं।
किसानों ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की खेती करने का आईडिया सोशल मीडिया से मिला. वहीं से इसकी खेती से जुड़ी जानकारी मिली. उन्होनें बताया की वर्तमान समय में सोशल मीडिया सबसे बड़ी पाठशाला है, जहां हर खेती से जुड़ी जानकारी मिल जाएगी. उन्होंने बताया कि पांच कट्ठे में खम्भेपर 350 से अधिक ड्रैगन फ्रूट के पौधे को लगाकर खेती कर रहे हैं. सभी पौधे को तीन साल पूरे हो गए हैं।
पौधे को फल देने लायक बने में 15 महीने का समय लगता है. पूरी तरह से तैयार होने में 5 साल का समय लगता है. पिछले साल से ही फल आना शुरू हुए है. किसानों का मानना है कि जितना गेहूं, धान या फिर अन्य फसलों में नहीं कमा पाते उससे ज्यादा इस खास तरह की खेती में कमा सकते हैं. एक बार लागत लगने के बाद पूरे 25 साल तक इससे फल प्राप्त होते रहेंगे.
पोषक तत्वों से भरपूर है ड्रैगन फ्रूट
उन्होंने बताया कि पेड़ में किसी तरह के रासायनिक खाद का उपयोग करने के बजाय जैविक तरीके से खेती करते हैं. ड्रैगन फ्रूट 10 से लेकर 35 डिग्री सेल्सियस तक में बेहतर फल देता है. तापमान इससे अधिक जाता है तो फंगस लगने का डर रहता है. इस फसल को फंगस से बचाना बेहद जरूरी होता है. ड्रैगन फ्रूट पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसमें तमाम प्रकार की ऐसी विटामिन होती है जो हमारे शरीर के लिए लाभदायक हैं।
यह फल मधुमेह और कैंसर जैसी बीमारियों की संभावनाओं को कम करता है. साथ ही यह इम्युनिटी बूस्टर का भी काम करता है. इस फल के सेवन से ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. यह बाल गिरने से रोकने के साथ त्वचा को सुंदर बनाता है, थायराइड को भी कंट्रोल रखने में भी सहायक है।