एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए 7-8 घंटे की नींद लेना जरूरी माना जाता है। इससे मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) और शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Health) पर असर पड़ता है। अगर लगातार नींद की कमी हो रही है तो इसका सीधा असर ओवरऑल हेल्थ पर पड़ता है। इसकी वजह से कई सारी बीमारियों के शिकार हो जाते हैं, जिस कारण डायबिटीज, अवसाद, किडनी की बीमारी और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ता है।
नींद की कमी के कारण ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) बढ़ता है, जो समय के साथ दिल और रक्त वाहिकाओं पर दबाव डाल सकता है। नींद की कमी से हार्मोनल परिवर्तन हो सकते हैं जो तनाव और सूजन को बढ़ाते हैं, जो हृदय रोग में योगदान कर सकते हैं। खराब नींद से वजन बढ़ सकता है, जो हृदय रोग के लिए एक जोखिम कारक है। दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। नींद की कमी (Sleeping Problem) से गैर-घातक और घातक दोनों तरह के दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है।

नींद न आने से इन बीमारियों का खतरा
ब्लड प्रेशर हाई होना
अगर कोई 8 घंटे की नींद नहीं पूरी कर रहा है तो उससे शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ने लगता है। इससे हार्ट पर दबाव बढ़ता है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जो दिल की बीमारी है। इसकी वजह से हार्ट अटैक (Heart Attack) का खतरा बढ़ जाता है।
शरीर में सूजन की समस्या
पूरी नींद न होने की वजह से शरीर में सूजन और तनाव बढ़ाने वाला हार्मोन बढ़ने लगता है। इस सूजन से आर्टरी को नुकसान हो सकता है। इससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ता है, इसलिए सावधान रहना चाहिए।

धड़कन तेज होना
नींद पूरी न होने से दिल की धड़कन में अनियमितता होने का खतरा रहता है, जिसे एरिद्मिया कहते है, जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक का रिस्क बढ़ा सकता है, इसलिए रात में ज्यादा जागना नहीं चाहिए और नींद पूरी करनी चाहिए।
मोटापे का खतरा
रात में ज्यादा देर तक जागने वालों में ज्यादा खाने की आदत होती है। खराब नींद की वजह से भूख बढ़ सकती है, क्योंकि इससे भूख बढ़ाने वाला हार्मोन बढ़ जाता है। इससे मोटापे का रिस्क रहता है, जो हार्ट डिजीज का प्रमुख कारण है।
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स्ट्रोक और हार्ट डिजीज
नींद की समस्या से परेशान लोगों में दिल की बीमारियों का रिस्क बढ़ता है, जिसके स्ट्रोक और हार्ट की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। अच्छे दिल की सेहत के उचित नींद लेना चाहिए, इसलिए नींद की गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए।