मस्तिष्क में ट्यूमर की समस्या कुछ स्थितियों में कैंसरकारक और जानलेवा भी हो सकती है। अमेरिकन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में 10 लाख से अधिक लोग ब्रेन ट्यूमर के साथ जी रहे हैं और हर साल 90,000 से अधिक लोगों में इसका निदान किया जाता है। वैसे तो हर बार ट्यूमर होने का मतलब कैंसर होना नहीं है, हालांकि अगर इसपर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो ये जानलेवा हो सकता है। अकेले 2019 में ब्रेन कैंसर के कारण करीब ढाई लाख लोगों की मौत हो गई। ब्रेन ट्यूमर के बढ़ते वैश्विक जोखिमों के बारे में लोगों को जागरूक करने और बचाव को लेकर शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल 8 जून को वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे मनाया जाता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि आनुवांशिकता के साथ कई प्रकार के पर्यावरणीय और जीवनशैली के कारक ब्रेन ट्यूमर के जोखिमों को बढ़ाने वाले हो सकते हैं। सभी लोगों को इसके बारे में जानना और बचाव के उपाय करते रहना जरूरी है। अगर समय रहते ट्यूमर के लक्षणों की पहचान कर इसका उपचार प्राप्त कर लिया जाए तो इसके कारण होने वाली गंभीर और जानलेवा समस्याओं के जोखिमों से बचा जा सकता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
ब्रेन ट्यूमर का जोखिम किसी भी उम्र में हो सकता है। इसके लक्षण शुरुआत में अक्सर नजर नहीं आते हैं। कई लक्षण अक्सर होने वाली सामान्य समस्याओं की तरह लगते हैं जिसके कारण समय रहते इसका सही निदान नहीं हो पाता है। सफल उपचार की बेहतर संभावना के लिए ब्रेन ट्यूमर का जल्दी पता लगाना बहुत जरूरी है। थोड़ी सी जागरूकता बहुत बड़ा बदलाव ला सकती है इसलिए जरूरी है कि इसके संकेतों पर गंभीरता से ध्यान दें और समय रहते इसका उपचार प्राप्त करें।
क्या आपको अक्सर सिरदर्द रहता है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि ब्रेन ट्यूमर में सिरदर्द होना शुरुआती संकेत माना जाता है। सिरदर्द के तो वैसे कई कारण हो सकते हैं, पर अगर आपको अक्सर सिरदर्द होता रहता है, खासकर सुबह के समय तो इस संकेत पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। ट्यूमर बढ़ने के साथ आपको ध्यान केंद्रित करने, स्पष्ट रूप से बोलने या दूसरों को समझने में कठिनाई का भी अनुभव हो सकता है। धीरे-धीरे आपको आंखों की भी समस्या होने लग सकती है।
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थकान और कमजोरी बनी रहती है?
थकान होना आम बात है, लेकिन लगातार थकावट और कमजोरी बने रहना शरीर में कई तरह की गंभीर समस्याओं की तरफ संकेत हो सकता है। अगर आपको तेज सिरदर्द के साथ अक्सर थकान-कमजोरी बनी रहती है जो दैनिक जीवन को बाधित करती है, तो यह सामान्य नहीं है। ब्रेन ट्यूमर हाइपोथैलेमस को भी प्रभावित करने लगता है। ये आपके मस्तिष्क का वह हिस्सा है जो नींद को नियंत्रित करता है। इस स्थिति में आपकी नींद बाधित होने लगती है, आराम करने के बावजूद भी आप तरोताजा महसूस नहीं करते और थकान बनी रहती है तो इस स्थिति को लेकर सावधान हो जाने की जरूरत है।
सुनने और बोलने में हो रही है दिक्कत?
उम्र बढ़ने के साथ सुनने की क्षमता में कमी होना सामान्य है। पर जब अचानक या एक कान में आपको ऐसी दिक्कत होनी शुरू हो जाए तो अलर्ट हो जाना चाहिए। ट्यूमर बढ़ने के कारण आपकी श्रवण तंत्रिका पर दबाव भी बढ़ने लग जाता है। कुछ लोगों को इस स्थिति में कानों में कुछ बजने की आवाज (टिनिटस) भी आने लगती है। इसके अलावा बोलने में कठिनाई होना जैसे सही शब्द खोजने में मेहनत लगना, आवाज धीमी होना भी संकेत हो सकता है कि आप ब्रेन ट्यूमर के शिकार हो रहे हैं।
मसलन अगर आपको अक्सर सिरदर्द, थकान और कमजोरी बनी रहती है। इसके साथ सुनने और बोलने में कठिनाई हो रही हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। समय रहते ट्यूमर का निदान हो जाने से रोग के गंभीर जोखिमों और कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।