नवजात बच्चों को बहुत अधिक देखभाल की जरूरत होती है। मां के गर्भ से पैदा होने के बाद लगभग 20 दिन तक बच्चे में कई बदलाव तेजी से होते हैं। जिन्हें देखकर माता-पिता परेशान हो जाते हैं। कुछ बच्चे अचानक तेजी से अपने हाथ और पैर हिलाने लगते हैं या चेहरे पर अलग-अलग एक्सप्रेशंस देते हैं तो ऐसा देखकर भी पेरेंट्स परेशान हो जाते हैं।
Also Read – बैक्टीरिया के पास दिमाग नहीं होता फिर भी जानते हैं इंसान को कैसे परेशान किया जाए
क्या होता है Jitteriness?
डॉक्टर ने बताया ऐसा कई बार देखा जाता है कि नवजात बच्चे अचानक से अपने हाथ और पैर तेजी से हिलाने लगते हैं, जिन्हें देखकर पेरेंट्स परेशान भी हो जाते हैं। बच्चों में होनी वाली इस प्रक्रिया को Jitteriness कहते हैं, जो कि बाहरी आवाजों, हवा और अचानक हुए बदलावों के कारण होती है। बच्चों में ऐसी हरकतें होना बिल्कुल सामान्य है और इसके लिए किसी भी तरह के इलाज की जरूरत नहीं होती है।
इन बातों का रखें खास ख्याल
- अचानक आवाज सुनने से बच्चा घबरा जाता है और रोने लगता है।
- बच्चों को अच्छे से मुलायम कपड़े में कवर जरूर करें ताकि उसे सीधे तेज हवा न लग सके।
- बच्चे के कमरे में आवाज कम करें। कोशिश करें कि जब बच्चा सो रहा हो तो बिल्कुल भी आवाज न करें।
- बच्चों में अचानक हिलने यानी जिटरनेस की समस्या को कम करने के लिए आप कुछ बातों का खास ध्यान रखें।
- बच्चा जिस कमरे में हो उसकी खिड़कियां और दरवाजों को ध्यान से खोलें और बंद करें। दरवाजा तेज बंद करने की आवाज से बच्चे को Jitteriness की समस्या हो सकती है।
Also Read – सावधान! आपका ब्रेन खराब कर रहे हैं ये खाद्य पदार्थ
किन बच्चों में यह समस्या ज्यादा हो सकती है?
- जिन बच्चों का वजन ज्यादा कम होता है उनमें यह समस्या होने का जोखिम अधिक होता है।
- अगर बच्चे की मां डायबिटीज से पीड़ित हो तो बच्चे में यह समस्या आ सकती है।
- जो बच्चे समय से पहले यानी 9 महीने से पहले जन्म लेते हैं उनमें Jitteriness की समस्या ज्यादा हो सकती है।
ध्यान रखें कि अगर आपका बच्चे को Jitteriness की समस्या ज्यादा होती है तो डॉक्टर से संपर्क करें। कई बार हाइपोथर्मिया, हाइपोग्लाइसीमिया और इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस के कारण भी बच्चों में Jitteriness की समस्या हो सकती है, जिसका डॉक्टर की सलाह पर उचित इलाज करवाएं।