ज्यादातर लोग सुबह के नाश्ते में ब्रेड खाना पसंद करते हैं. अगर आप भी ब्रेड खाने के शौकीन हैं, तो बता दें कि एक रिसर्च के अनुसार ब्रेड खाने से कोलोरेक्टल कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. इतना ही नहीं शोध में ये भी साबित हुआ है कि अल्कोहल का सेवन भी कोलोरेक्टल कैंसर के खतरे को काफी हद तक बढ़ा सकता है.
वेब एमडी के अनुसार ‘जर्नल ऑफ न्यूट्रिएंट्स’ में प्रकाशित एक रिसर्च कहती है कि सफेद ब्रेड और शराब का सेवन करने से कोलोरेक्टल कैंसर होने का रिस्क काफी बढ़ जाता है. बता दें कि कोलोरेक्टल कैंसर आंत के सबसे अंतिम सिरा और गुदाद्वार में होने वाला कैंसर है. हालांकि कोलोरेक्टल कैंसर को बढ़ने में काफी समय लगता है. इसलिए अगर शुरुआती दौर में पता चल जाए तो इसका इलाज किया जा सकता है.
बढ़ रहा है कोलोरेक्टल कैंसर
अमेरिकी कैंसर सोसायटी के अनुसार कोलोरेक्टल कैंसर एक बड़े खतरे के तौर पर सामने आ रहा है. कोलोरेक्टल कैंसर विश्व भर में मिलने वाले कुल कैंसर के मामलों में सबसे सामान्य प्रकार का कैंसर है. जिसके मरीजों की संख्या तीसरे स्थान पर है.
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सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े
चीन के झेजियांग विश्वविद्यालय चिकित्सा स्कूल के शोधकर्ता ने यूके बायो बैंक के सहयोग से ये शोध किया. इसमें तकरीबन 1 लाख 18 हजार से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया. शोध में रोजाना सेवन किये जाने वाले 139 खाद्य पदार्थों और उनमें मौजूद पोषक तत्वों की जांच की गई. इनमें पाया गया कि जिन लोगों ने सफेद ब्रेड और अल्कोहल का सेवन नियमित रूप से किया उनमें 13 साल में लगभग 1,466 कोलोरेक्टल कैंसर के मामले पाए गए. यह अध्ययन न्यूट्रिएंट्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है.
इन लोगों में ज्यादा समस्या
अध्ययन में पाया गया कि व्हाइट ब्रेड में कार्सिनोजेन कंपाउड पाया जाता है. जब यह अध्ययन 1.18 लाख लोगों पर किया गया तो देखा गया कि जिन लोगों ने व्हाइट ब्रेड और अल्कोहल का सेवन ज्यादा किया उनमें कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा ज्यादा था. हालांकि यह उन लोगों में ज्यादा था जिन्हें पहले से कुछ अन्य बीमारियों के भी शिकार थे. अध्ययन में कहा गया कि पर्याप्त मात्रा में फाइबर, कैल्शियम, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम वाले फूड का सेवन कर कोलोरेक्टर होने के जोखिमों को कम किया जा सकता है.