Sitaram Yechury Death: सांस की गंभीर बीमारी से जूझ रहे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का 12 सितंबर को निधन हो गया। वह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में लगभग एक महीने से भर्ती थे। पार्टी ने एक बयान में कहा कि हम बहुत दु:ख के साथ सूचित कर रहे हैं कि CPI (M) के महासचिव, हमारे प्रिय कॉमरेड सीताराम येचुरी का एम्स, नई दिल्ली में निधन हो गया। वे श्वसन तंत्र के संक्रमण से पीड़ित थे, जिसके कारण जटिलताएं उत्पन्न हो गई थीं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सांस की तमाम बीमारियों की वजह से हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। खबरों के अनुसार, सीताराम येचुरी अक्यूट रेस्पोरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से पीड़ित थे।स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि ये बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। यह संक्रामक रोग विशेष रूप से बच्चों, बूढ़ों और प्रतिरक्षा प्रणाली विकार वाले लोगों के लिए खतरनाक और जानलेवा माना जाता है।
क्या होता है श्वसन तंत्र का संक्रमण? (What is a Respiratory Tract Infection?)
अक्यूट रेस्पोरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन एक ऐसा संक्रमण है, जो सामान्य श्वास प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न कर सकता है। इसका सबसे अधिक असर ऊपरी श्वसन तंत्र पर देखा जाता है, जो आपके साइनस से शुरू होकर स्वरयंत्र को प्रभावित कर सकता है। कुछ लोगों में ये निचले श्वसन तंत्र को संक्रमित करता है, जिसमें आपके स्वरयंत्र से शुरू होकर फेफड़ों में गंभीर संक्रमण का खतरा रहता है। वायरस या बैक्टीरिया दोनों ही इस संक्रमण का कारण बन सकते हैं।

ये संक्रमण क्यों होता है?
जब कोई वायरस या बैक्टीरिया आपके श्वसन तंत्र में प्रवेश करता है तो इससे श्वसन तंत्र में संक्रमण हो जाता है। उदाहरणार्थ- आप किसी संक्रमित सतह को छूते हैं या किसी बीमार व्यक्ति से हाथ मिलाते हैं और फिर बिना हाथ धोए अपने मुंह, नाक या आंखों को छू लेते हैं तो हाथों से कीटाणु शरीर में प्रवेश करके आपको संक्रमित कर सकते हैं।ये संक्रमण काफी आम हैं और कोई भी व्यक्ति इसका शिकार हो सकता है। आमतौर पर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इन रोगजनकों को समाप्त कर देती है। हालांकि जो लोग कमजोर इम्युनिटी वाले होते हैं उनमें इसके कारण गंभीर और लंबे समय तक संक्रमण बना रह सकता है।
संक्रमण के लक्षण
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि बच्चे वयस्कों की तुलना में अपने हाथ कम बार धोते हैं। साथ ही वे आंखों, नाक और मुंह को बार-बार छूते भी रहते हैं, जिससे श्वसन संक्रमण का खतरा अधिक हो सकता है।
ऊपरी श्वसन तंत्र संक्रमण आम तौर पर एक से दो सप्ताह तक रहता है, हालांकि लो इम्युनिटी वालों में इसकी अवधि लंबी हो सकती है।
संक्रमण की शुरुआत में होने वाले लक्षणों पर ध्यान देना और उपचार प्राप्त करना बहुत जरूरी है।
साइनस या फेफड़ों में जमाव होना या नाक बहना।
खांसी-गले में खराश।
शरीर में दर्द-थकान।
कुछ लोगों को 103˚F तक बुखार और ठंड लगने की भी समस्या होती है।
सांस लेने में कठिनाई होना।
श्वसन संक्रमण से बचाव के तरीके (Ways to Prevent Respiratory Infections)
रेस्पोरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से बचाव के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। श्वसन तंत्र के संक्रमण को रोकने के लिए स्वच्छता का अभ्यास करें।
खाने या खाना बनाने से पहले हाथ धोएं।
खांसते और छींकते समय अपनी बांह या टिशू पेपर का इस्तेमाल करें और उसके बाद हाथ धोएं।
किसी सतह को छूने, हाथ मिलाने के बाद या नियमित रूप से हाथ धोते रहने की आदत बनाएं।
स्वस्थ जीवनशैली और इम्युनिटी बढ़ाने वाले उपाय करते रहें।
बीमारी में खूब सारा तरल पदार्थ पिएं, पर्याप्त नींद लें और धूम्रपान से बिल्कुल दूरी बनाएं।
फ्लू वैक्सीन प्राप्त करना आपको इस प्रकार के संक्रमण से सुरक्षित रखने में मददगार हो सकता है।