Swine Flu Symptoms and Treatment: इन दिनों देश को चार ऐसी बीमारियों ने जकड़ रखा है, जिनके मरीज़ अस्पतालों की ओपीडी में सबसे ज़्यादा पाए जा रहे हैं. ये बीमारियां हैं डेंगू, चिकनगुनिया, कोविड 19 और स्वाइन फ़्लू. आज हम खासतौर से स्वाइन फ़्लू (Swine Flu) पर बात करेंगे. नेशनल सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल के एक डेटा के मुताबिक, इस साल स्वाइन फ़्लू से सबसे ज़्यादा मौतें पंजाब और गुजरात में हुई हैं. वहीं दिल्ली, गुजरात और राजस्थान से सबसे ज़्यादा मामले सामने आए हैं. ध्यान देने वाली बात ये है कि इनके मामले लगातार बढ़ रहे हैं. स्वाइन फ़्लू होने पर सबसे पहला असर इंसान के फेफड़ों पर पड़ता है. फिर धीरे-धीरे कई दूसरी परेशानियां भी होने लगती हैं. आज आपको बतायेंगे स्वाइन फ़्लू क्या है? ये क्यों होता है? इसके लक्षण क्या हैं? और स्वाइन फ़्लू से बचाव और इलाज कैसे किया जाए?
स्वाइन फ़्लू क्या होता है? | Swine Flu Symptoms and Treatment
स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, H1N1 फ़्लू को स्वाइन फ़्लू कहते हैं. ये इन्फ्लूएंजा-ए वायरस का एक प्रकार है. साल 2009-10 में H1N1 वायरस पहली बार इंसानों में बीमारी का कारण बना. इसे अक्सर स्वाइन फ़्लू कहा जाता है और ये इन्फ्लूएंजा वायरस का एक टाइप है. ये पहले सुअरों और पक्षियों में बीमारी फैलाता था. इस फ़्लू से प्रभावित ज़्यादातर मरीज़ अपने आप ठीक हो जाते हैं. मगर कुछ लोगों में स्थिति गंभीर हो जाती है, जो कई मामलों में जानलेवा भी हो सकती है. लिहाज़ा इसका समय पर पता करके इलाज कराना ज़रूरी है.
हवा के ज़रिए फैलता है वायरस | Swine Flu Symptoms and Treatment
H1N1 जैसा इन्फ्लूएंजा वायरस हमारी नाक, फेफड़ों और गले में इंफेक्शन करता है. ये वायरस हवा के ज़रिए फैलता है. जब इस वायरस से पीड़ित कोई व्यक्ति खांसता, छींकता या सांस छोड़ता है, तब ये वायरस हवा में फैल जाता है. फिर जब हम सांस लेते हैं तो ये वायरस हवा के ज़रिए हमारे फेफड़ों में भी पहुंच जाता है. कई बार जब हम किसी दूषित सतह को छूते हैं. उसके बाद आंख, नाक या मुंह पर हाथ लगाते हैं. ऐसा करने से ये वायरस शरीर पर हमला कर देता है. इस बीमारी के लक्षण दिखने से एक दिन पहले से लेकर अगले 3-4 दिनों तक संक्रमित व्यक्ति इस वायरस को फैला सकता है.
कॉमन फ़्लू से मिलते–जुलते हैं लक्षण | Swine Flu Symptoms and Treatment
H1N1 या स्वाइन फ़्लू के लक्षण कॉमन फ़्लू से मिलते-जुलते हैं. जैसे..
-बुखार आना
– शरीर में दर्द
– सिरदर्द
– गला खराब होना
– नाक बहना या बंद होना
– खांसी आना
– इसके अलावा, कुछ मरीज़ों को बहुत थकान होती है
– कमज़ोरी आ सकती है
– सांस लेने में तकलीफ़ हो सकती है
– उल्टी हो सकती है
– दस्त लग सकते हैं
– हालांकि ये लक्षण गंभीर मामलों में ही दिखाई देते हैं
इन बातों का रखें ध्यान | Swine Flu Symptoms and Treatment
अपने हाथों को बार-बार धोएं. सबसे ज़रूरी और असरदार तरीका यही है. हाथ धोने के लिए आप साबुन और पानी या हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल कर सकते हैं. साथ ही, खांसते और छींकते वक्त अपने मुंह को रुमाल या कोहनी से ढकें. फ़ेस मास्क का इस्तेमाल करें. अपने चेहरे को बार-बार छूने से बचें. अपनी टेबल और दूसरी सतहों को साफ रखें. अगर किसी को स्वाइन फ़्लू है तो उसके संपर्क में न आएं. वहीं अगर आपको ये बीमारी है तो आप लोगों से दूरी बनाएं. साथ ही, खूब आराम करें. पानी और दूसरे तरल पदार्थ, जैसे ओआरएस , नारियल पानी और नींबू पानी पिएं. हल्का खाना लें, जो आराम से हज़म हो पाए. जब तक स्वाइन फ़्लू हो, तब तक अपने घर पर ही आराम करें. बुखार आने पर आप पैरासिटामॉल खा सकते हैं. इसके अलावा, अगर तबीयत ज़्यादा बिगड़ती है. आपको सांस लेने में तकलीफ़ होती है. सांस बहुत तेज़ चलती है. मरीज़ की हालत ठीक नहीं लगती तो उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराएं.